आज मंगलवार को प्रगति यात्रा के दौरान मोतिहारी के राधाकृष्णन भवन में आयोजित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक में इंट्री नहीं मिलने से मोतिहारी जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय काफी नाराज हो गईं। ममता राय बैठक में भाग लेने पहुंची थीं, लेकिन उन्हें भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। इस पर नाराज होकर ममता राय बैठक से बाहर चली गईं। उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होना था। बताया जाता है कि ममता राय तय समय दो बजे से पहले एक बजे ही वहां पहुंची गईं थीं। फिर भी उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया।
चंपारण में प्रगति यात्रा के क्रम में समीक्षा बैठक
सीएम नीतीश कल सोमवार से ही प्रगति यात्रा कर रहे हैं। कल पश्चिमी चंपारण के बाद आज मंगलवार को वे पूर्वी चंपारण की प्रगति यात्रा कर रहे हैं। आज केसरिया और सुगौली की यात्रा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मोतिहारी में यह समीक्षा बैठक चल रही थी। इसमें विभिन्न सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों की समीक्षा हो रही थी। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष की उपस्थिति अनिवार्य मानी जाती है। लेकिन ममता राय को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। ममता राय बैठक में हिस्सा लेने के लिए राधाकृष्णन भवन पहुंची थीं। लेकिन उन्हें सुरक्षा कारणों या प्रशासनिक प्रक्रिया का हवाला देकर अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
भड़क गईं ममता राय, पढ़ें क्या-क्या कहा…
सीएम की बैठक में प्रवेश नहीं मिलने से जिप अध्यक्ष ममता राय नाराज हो गईं। उन्होंने वहां अधिकारियों से स्पष्ट कारण पूछा लेकिन उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसके बाद वे बिना बैठक में शामिल हुए ही वापस लौट गईं। ममता राय ने इस घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, जिला परिषद अध्यक्ष के तौर पर मेरा यह कर्तव्य है कि मैं जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में भाग लूं और जिले से जुड़ी समस्याओं को उठाऊं। लेकिन मुझे बिना किसी स्पष्ट कारण के अंदर नहीं जाने दिया गया। यह मेरे सम्मान का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के साथ असम्मानजनक है और प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
अप्रत्याशित वाकये से गरमाई राजनीति
वहीं, उनके समर्थकों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा पिछले साल इस जिले में किए गए विभिन्न शिलान्यास आज भी धरातल पर फेल नजर आ रहे है। मुख्यमंत्री नीतीश को इस पर भी ध्यान देना चाहिए। इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए।
इधर ममता राय के साथ हुई इस अप्रत्याशित वाकये के बाद चंपारण की राजनीति गरमा गई है। कुछ नेताओं का मानना है कि यह घटना राजनीतिक असहमति का परिणाम हो सकती है। जबकि अन्य ने इसे प्रशासनिक लापरवाही और गलतफहमी के तौर पर देखा। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे, लेकिन ममता राय के लौटने के बाद कोई बयान नहीं दिया गया।