पटना: पटना में सिने सोसाइटी आंदोलन का विस्तार करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी व फिल्म मर्मज्ञ आरएन दाश को पटना पुस्तक मेले में चले रहे ‘सिनेमा-उनेमा महोत्सव’ के पहले दिन शनिवार को सम्मानित किया गया। सीआरडी अध्यक्ष रत्नेश्वर व बापू टावर के निदेशक विनय कुमार ने संयुक्त रूप से उन्हें सम्मानित किया। ‘सिनेमा-उनेमा महोत्सव’ के प्रथम दर्शक सह मुख्य अतिथि विनय कुमार ने कहा कि आरएन दाश जैसे सुधि जनों के प्रयासों से ही पटना में गंभीर सिनेमा देखने-दिखाने का प्रचलन हुआ। सिने सोसाइटी पटना के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे आरएन दाश ने फिल्म आस्वादन के स्तर को ऊंचा उठाया। सूचना व जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित फिल्म एप्रिसिएशन कार्यशाला में भी उनकी सक्रिय सहभागिता होती रही है।
‘सिनेमा-उनेमा महोत्सव’ में मिनती चकलानवीस का विशेष व्याख्यान हुआ, जिसका विषय था— ‘बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति: संभावनाएं व चुनौतियां।’ उन्होंने कहा कि इस नीति से नि:संदेह बिहार का आर्थिक व सांस्कृतिक विकास होगा। सिनेमा को लेकर बिहार में माहौल बनेगा। मुंबई व दक्षिण के पेशेवर यहां आकर फिल्म निर्माण करेंगे, साथ ही साथ बिहार की स्थानीय भाषायों में फिल्म निर्माण को बढ़ावा भी मिलेगा। लेकिन, इसके साथ ही इस नीति में कई चुनौतियां भी हैं। जैसे पूर्व से विकसित महाराष्ट्र, तमिलनाडु या आंध्र की फिल्म नीतियों का मुकाबला कैसे होगा, यह विचारणीय है। बिहार के स्थानीय कलाकारों व तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था बननी चाहिए, नहीं तो बिहार सरकार की सब्सिडी का लाभ बाहर के पेशेवर उठा ले जाएंगे और यहां के लोगों को विशेष हासिल नहीं होगा।
मंच संचालन ‘सिनेमा—उनेमा महोत्सव’ के संयोजक कुमार रविकांत ने किया, वहीं कार्यक्रम का मॉडरेशन फिल्म समीक्षक प्रशांत रंजन ने किया। उन्होंने बताया कि सिनेमा-उनेमा महोत्सव में 10 दिन तक फिल्म से जुड़ी दस हस्तियों को सम्मानित किया जाना है, सिनेमा से जुड़े दस विभिन्न विषयों पर व्याख्यान होना है व दस फिल्मों का प्रदर्शन होना है। इसी कड़ी में आज बूंद फिल्म दिखायी गई। इससे पहले प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी का वीडियो संदेश दिखाया गया, जिसमें उन्होंने विशेष रूप से ‘सिनेमा-उनेमा महोत्सव’ का उल्लेख किया है। इस अवसर पर सिने मर्मज्ञ प्रो. जय मंगल देव, रंगकर्मी नीलेश्वर मिश्र, सनत कुमार, मिथिलेश सिंह, यशवंत मिश्र, सूचना जनसंपर्क अधिकारी रविशंकर उपाध्याय जी, जनसंचार के प्राध्यापक गौरव अरण्य समेत विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।