पटना: 07 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पटना विभाग संघचालक, पत्रकारों के अभिभावक और फिल्मी जगत की एक मशहूर शख्सियत छोटे बाबू सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पटना के दीघा घाट में दोपहर उनके ज्येष्ठ पुत्र ज्ञान प्रकाश नारायण सिंह उर्फ गुंजन जी ने उन्हें मुखाग्नि प्रदान की। अंतिम यात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वान्त रंजन जी, सिक्किम और मेघालय के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिंहा, नगर विकास मंत्री नितिन नवीन, दीघा के विधायक डॉ. संजीव चौरसिया, बीडी पब्लिक स्कूल के निदेशक बी डी राय समेत पटना के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। श्राद्ध कर्म पटना में 18 अक्टूबर को होगा।
ज्ञात हो कि छोटे बाबू का निधन 6 अक्टूबर की सुबह 3:00 बजे लंबी बीमारी के बाद हुआ। मुंबई के लीलावती अस्पताल में अंतिम सांस ली। छोटे बाबू का जन्म 20 अगस्त, 1942 को पटना में हुआ आपका विवाह 7 मार्च, 1968 को केंद्रीय मंत्री श्याम नंदन मिश्रा की इकलौती संतान पूर्णिमा सिंह के साथ हुआ था। आप अपने पीछे पुत्र-पुत्रवधू, बेटी-दामाद, नाती पोते पोतियों से बड़ा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। आपको चौथी पीढ़ी को भी अपनी गोद में खिलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
फिल्म व्यवसाय पर पैनी नजर रखने वाले छोटे बाबू ने फिल्म व्यवसाय के कई आयामों को देखा। जब फिल्म व्यवसाय में आए तो उसे समय ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों का दौर था। अब तो एनीमेटेड फिल्में भी बनाई जा रही है। इसी प्रकार उन्होंने सिंगल स्क्रीन से मल्टीप्लेक्स तक का दौर अपने सामने बदलते देखा और स्वयं इसके साक्षी भी रहे।
पटना के कदमकुआं स्थित उनके घर में भारत के प्रमुख लोगों का आना-जाना लगा रहता था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरु जी से लेकर वर्तमान सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तक का आतिथ्य आपको प्राप्त था। विश्व संवाद केंद्र पटना की स्थापना के समय से इसके अध्यक्ष थे। एक छोटे कमरे से लेकर एक बड़े फ्लैट तक का सफर इनके मार्गदर्शन में ही पूरा हुआ।