छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में सतनामी समाज के लोग इस कदर उन्मादी हुए कि उन्होंने कलेक्टर और एसपी दफ्तर पर ही हमला कर दिया। अपने धार्मिक स्तंभ को क्षतिग्रस्त किये जाने से हिंसक हुई सतनामियों की फौज ने कलेक्टर—एसपी दफ्तर समेत कई सरकारी भवनों को फूंक डाला और करीब 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया। कई सरकारी कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई। पथराव में अधिकारियों समेत कई पुलिसकर्मी घायल हैं। पूरे बलौदाबाजार शहर में धारा-144 लागू कर दिया गया है।
क्यों भड़का सतनामी समाज, क्या है जैतखंभ?
दरअसल आज सोमवार को अपने धार्मिक प्रतीक ‘जैतखंभ’ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में सतनामी समाज ने प्रदर्शन का आह्वान किया था। करीब 10 हजार से अधिक लोग प्रदर्शन में शामिल थे। अचानक प्रदर्शनकारियों की भीड़ हिंसक हो गई और आगजनी तथा तोड़फोड़ करने लगी। लगभग 50 दोपहिया वाहन, दर्जनों कारें और जिलाधिकारी कार्यालय तथा पुलिस अधीक्षक दफ्तर की इमारतों में आग लगी हुई दिखाई दे रही है। भीड़ ने एक दमकल वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मियों से झड़प करते और पथराव करते रहे। हालांकि राज्य सरकार ने पहले ही ‘जैतखंभ’ में तोड़फोड़ की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
कौन हैं सतनामी, किसने की पंथ की स्थापना
पूरा मामला सतनामी समाज के धार्मिक प्रतीक जैतखंभ में तोड़फोड़ से जुड़ा है। पिछले माह 15 और 16 मई की दरमियानी रात को कुछ अज्ञात लोगों ने बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा में स्थित सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले ‘जैतखंभ’ में तोड़फोड़ कर दी थी। जब सतनामी समाज के लोगों को पता चला कि उनके पवित्र जैतखंभ को नुकसान पहुंचाया गया है, तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। अब घटना के एक माह बाद आज सोमवार को विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोगों की है तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है।