पटना: सिने सोसायटी पटना और हाउस ऑफ़ वेरायटी के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे “चार्ली चैप्लिन उत्सव” के तीसरे दिन शुक्रवार को समापन सत्र में “चैप्लिन” दिखाई गई। यह फ़िल्म चार्ली चैप्लिन के जीवन पर आधारित बायोपिक है। फिल्मों के प्रसिद्ध माइक्रो एनालिस्ट प्रो० जय देव ने दर्शकों के साथ चैप्लिन की फ़िल्मों को लेकर रोचक बातचीत की और फ़िल्मों के सीक्वेंस को समझाया।
सिने सोसाइटी पटना के जनसंपर्क निदेशक डॉ० विमलेन्दु सिंह ने स्लैपस्टिक और वॉडविल के बारे में बताया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए रंगकर्मी पुंज प्रकाश ने बताया कि चैप्लिन की फ़िल्में सोचने पर विवश करती हैं और हास्य के बहाने जीवन की त्रासदी को दिखाती हैं। फिल्म इतिहासविद प्रो० एन०एन० पाण्डेय और ज़िया हसन ने परत दर परत फ़िल्मों को खोल कर समझाया।
रीजेंट सिनेमा तथा हाउस ऑफ वेराइटी के निदेशक सुमन कुमार सिन्हा ने कहा कि पटना के सुधि लोगों के लिए ही हाउस ऑफ वेराइटी की रचना हुई है। सिने सोसाइटी पटना के सहायक सचिव प्रशांत रंजन ने बताया कि इस वर्ष सिने सोसाइटी पटना की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है। इस उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम होने हैं। चैपलिन उत्सव उसी कड़ी का पहला हिस्सा था।
इस अवसर पर सिने सोसाइटी के सदस्य राजीव कुमार, विंदेश्वर कुमारसमेत कई फिल्म समीक्षक, फिल्म विधा के विद्यार्थी, कलाकार और सिने प्रेमी उपस्थित रहे।