संस्कृति

गयाजी की मिठाई का लोक विज्ञान

गयाजी का अपना लोक विज्ञान है जिसमें सूर्य की स्थिति के साथ

गयाजी में ग्रीक

गयाजी की वृहतर सास्कृतिक यात्रा पर यदि गौर करें तो यह प्राचीन

गो माता समान फल्गु

गया को नदी तीर्थ कहा गया है। इस प्रकार फल्गु नदी के

गयाजी की ‘शब्द’ साधना

शब्द ब्रह्म की ऊर्जा यानी भाषा के प्रयोग उपकरण के रूप में

गयाजी का पत्थर शिल्प बाजार

गया के अतरी क्षेत्र में अवस्थित पत्थरकट्टी गांव को बसाने का श्रेय

धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष वाले गयाजी

एकांत में बैठकर जब मैं गयाजी का ध्यान करता हूं तब भारत

अनादि हैं गयाजी

अनादि काल से करोड़ों लोगों के हृदय में, मन में, वाणी में

बुद्धों का गयाजी

ऐतिहासिक प्रमाणों की उपेक्षा कर समाज में यह अवधारणा बना दिया गया

गया श्राद्ध : एक नहीं, तीन पितृपक्ष

आश्विन कृष्णपक्ष जिसे पितृपक्ष कहते है। इसी पितृपक्ष के अवसर पर गयाजी