मंथन

गयाजी की ‘शब्द’ साधना

शब्द ब्रह्म की ऊर्जा यानी भाषा के प्रयोग उपकरण के रूप में

गयाजी का पत्थर शिल्प बाजार

गया के अतरी क्षेत्र में अवस्थित पत्थरकट्टी गांव को बसाने का श्रेय

धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष वाले गयाजी

एकांत में बैठकर जब मैं गयाजी का ध्यान करता हूं तब भारत

अनादि हैं गयाजी

अनादि काल से करोड़ों लोगों के हृदय में, मन में, वाणी में

बुद्धों का गयाजी

ऐतिहासिक प्रमाणों की उपेक्षा कर समाज में यह अवधारणा बना दिया गया

गया श्राद्ध : एक नहीं, तीन पितृपक्ष

आश्विन कृष्णपक्ष जिसे पितृपक्ष कहते है। इसी पितृपक्ष के अवसर पर गयाजी

सर्वव्यापी गयाजी

इतिहास की आड़ में गयाजी के माथे पर सनातन और बौद्ध संघर्ष

गयातीर्थ का मनोविज्ञान

भारतीय चिंतन दर्शन में शरीर, मन, बुद्धि, प्राण और आत्म के अस्तित्व

नैरेटिव भ्रमजाल में ‘गयाजी’

हिन्दू धर्म के अनुयायी मानते है कि बिहार का मगध पुण्य रहित