मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 22 एजेंडों पर मुहर लगी। चुनावी साल में आज की बैठक के दौरान नीतीश कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य की 4 लाख महिला कर्मियों को आवास सुविधा देने को मंजूरी दी। इसके अलावा पंचायती राज और अन्य विभागों में नए पदों के सृजन का अहम फैसला भी लिया गया। इसके अलावा बैठक में लापरवाही बरतने वाले सात डॉक्टरों को बर्खास्त करने का भी निर्णय लिया गया। ये सभी डॉक्टर लगातार अपनी नियुक्ति वाली जगह से गैरहाजिर पाए गए थे।
कैबिनेट निर्णय के अनुसार अब सरकार अपनी पोस्टिंग वाली जगह के आसपास ही महिला कर्मचारियों को आवास का सुविधा मुहैया कराएगी। इन महिला कर्मचारियों में शिक्षिका, महिला सिपाही और पंचायत तथा सचिवालय में काम करने वाली सरकारी कर्मी शामिल होंगी। इसके तहत डीएम की अध्यक्षता में एक 5 सदस्यीय कमेटी निजी मकानों को चिह्नित कर उनमें इन महिला कर्मचारियों को आवास की सुविधा मुहैया कराएगी। इसमें निजी मकान मालिकों के साथ एग्रीमेंट किया जाएगा जिसका भुगतान राज्य सरकार करेगी।
इसके अलावा आज की बैठक में नई नियुक्तियों के साथ ही अन्य परियोजनाओं की भी मंजूरी सरकार की ओर से दी गई।
इनमें सबसे अधिक पंचायत राज विभाग में वैकेंसी निकालने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की बैठक में पंचायत स्तर पर ग्राम पंचायत कार्यालय में लिपिक के 8093 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा वायुयान संगठन निदेशालय में विभिन्न श्रेणी के चार नियोजन आधारित पदों का भी सृजन किया गया है। पटना के जयप्रकाश नारायण अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी इकाई की स्थापना एवं संचालन के लिए 36 नए पदों का सृजन किया गया है। कृषि विपणन निदेशालय में विभिन्न कोटि के 14 पदों का भी सृजन किया गया है।
इसबीच आज जिन सात चिकित्सकों को बर्खास्त किया गया उनमें डॉ. आशीष कुमार, डॉ. मो. फिरदौस और डॉ. जागृति सोनम शामिल हैं। ये तीनों खगड़िया में चिकित्सा पदाधिकारी थे. इनके अलावा डॉक्टर अनामिका कुमारी को बर्खास्त किया गया है। ये लखीसराय में थीं। लखीसराय के ही डॉ. अनुपम कुमारी और डॉ. अभिनव कुमार के अलावा बेगूसराय के अनुपम कुमार को भी बर्खास्त किया गया है। इसके अलावा राज्य में युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए 9 कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जो रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे।