बिहार के जमुई से एक बेहद रोचक मामला सामने आया है। एक युवक को अपनी शादी की ऐसी उतावली मची कि उसने विवाह के तय डेट से 3 हफ्ते पहले ही दुल्हन को उसके घर से भगा लिया और एक मंदिर में शादी कर ली। शादी के लिए एक युवक के उतावलेपन की इस खबर को सुनकर हर कोई हैरान है। शख्स ने अपनी मंगेतर को घर से भगाकर शादी कर ली। दोनों के घरवालों ने लड़का और की शादी 4 हफ्ते बाद कर देना तय किया था। लेकिन इससे पहले ही दोनों फोन पर बात करने लगे और उनके बीच का मामला इतना बढ़ गया कि दूरियां बरदास्त नहीं कर सके तथा शादी की तिथि से पहले ही घर से भाग निकले। मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
दूल्हा-दुल्हन को बर्दाश्त नहीं हुईं दूरियां
मामला जमुई प्रखंड के अंबा गांव में सामने आया है। यहां अजीत कुमार नाम का शख्स अंजली कुमारी के साथ मंदिर में शादी रचाकर घर पहुंच गया। नवविवाहित जोड़े को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। लोग हैरान थे कि घरवालों की सहमति थी, शादी के लिए 9 मई की डेट निर्धारित भी हो गई थी, लेकिन ऐसी क्या जल्दी थी कि लड़का-लड़की एक महीने का इंतजार भी नहीं कर सके? जानकारी के अनुसार दोनों के अपने—अपने घरों से फरार होने और फिर मंदिर में शादी करने की ख्रबर जानकर उनके घरवाले भी हैरान रह गए। लड़का और लड़की दोनों का परिवार शादी की तैयारियों में जुटा हुआ था। यहां तक कि हलवाई, बैंडबाजा, डीजे आदि भी बुक किए जा चुके थे। सभी को एडवांस में पेमेंट भी कर दी गई थी, लेकिन इससे पहले ही लड़का-लड़की ने घर से फरारी कस कर मंदिर में शादी रचा ली।
घरवालों के अरमान डूबे, बैंड-बाजा कैंसल
घरवाले धूमधाम से दोनों की शादी करना चाह रहे थे, लेकिन उनके अरमानों पर पानी फिर गया। बैंडबाजा, बारात और शादी की सारी रस्में उनको कैंसिल करनी पड़ गईं। दरअसल अंबा गांव के रहने वाले दशरथ मंडल के पुत्र अजीत कुमार की शादी खैरा प्रखंड के सगदाहा गांव की रहने वाली प्रकाश रावत की पुत्री अंजली कुमारी से तय हुई थी। कुछ समय पहले ही आपसी रजामंदी से परिवार वालों ने रिश्ता तय किया था। शादी के लिए 9 मई का दिन निर्धारित किया गया था। तिलक आदि की भी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। इसके बाद अंजली और अजीत में फोन पर बातें होने लगी थीं। बातों-बातों में दोनों की चाहत बढ़ती गई और दोनों को दूरियां बर्दाश्त नहीं हुईं। अजीत गाड़ी लेकर अंजली के घर पहुंच गया, दोनों ने दुर्गा मंदिर में विवाह रचा लिया। इसके बाद अंजली को लेकर अपने घर पहुंच गया। अंजली के परिवार वाले भी अजीत के घर पहुंच गए और बेटी को ले जाने की जिद्द करने लगे। अंजली ने जाने से मना कर दिया। इसके बाद मंदिर में दोनों परिवार वालों ने हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह संपन्न करवाया।