70 बीपीएससी पीटी परीक्षा रद करने की मांग को लेकर राजधानी पटना में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी आज नए वर्ष के पहले दिन भी पूरी तरह से डटे हुए हैं। हाड़ कंपाने वाली ठंड में भी पिछले 15 दिनों से आयोग और सरकार के खिलाफ उनका मनोबल उसी तरह टाइट है। इसीबीच आज छात्रों द्वारा सरकार और आयोग को दिया गया 48 घंटे का अल्टीमेटम भी खत्म हो रहा हे। अब अगर सरकार और आयोग ने उनके पक्ष में निर्णय नहीं लिया तो उनकी योजना आंदोलन को राज्यव्यापी करने और गांधी मैदान में बड़ा जुटान करने की है। प्रदर्शन में बैठे छात्रों ने कहा कि अब हम बिहार भर के युवाओं और छात्रों को पटना में जुटने और अपनी बात इस बहरी सरकार के कानों तक पहुंचाने के लिए अपील करेंगे। इसके लिए हम हर जिले का दौरा कर वहां के छात्रों को हमारे आंदोलन में आगे आने के लिए कहेंगे।
इसबीच पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में उन्हें मुफ़्त कानूनी मदद देने का ऐलान किया है। वकीलों ने छात्रों पर दो—दो बार हुए लाठीचार्ज और वाटर कैनन के प्रयोग की कड़ी निंदा की है। वकीलों का कहना है कि बीपीएससी परीक्षाओं में पिछले एक दशक से गड़बड़ियों का इतिहास रहा है, जिसके कारण हर बार हाईकोर्ट में केस दायर होते रहे हैं। हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा के नेतृत्व में वकीलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की कि वे अभ्यर्थियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि लीगल सहयोग के लिए किसी भी अभ्यर्थी से एक पैसा बतौर फीस नहीं ली जाएगी।
वकीलों ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की और इसे पुलिसिया बर्बरता कहा। वकीलों ने सवाल उठाए कि जब जब वाटर कैनन का इस्तेमाल कर ही दिया गया था, तो फिर लाठीचार्ज की क्या जरूरत थी? उन्होंने यह भी कहा कि जो पुलिसकर्मी छात्रों पर लाठी बरसा रहे थे, वे भी कभी छात्र रहे होंगे। उन्हें अपने दिन याद आने चाहिए थे। अभ्यर्थी कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसकी कोई आवश्यकता नहीं थी।