70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर हुए बवाल के बीच जनसुराज के सूत्रधार चौतरफा आलोचना में फंस गए हैं। जहां प्रशासन ने उनके खिलाफ छात्रों को उकसाने के आरोप में उनपर प्राथमिकी दर्ज की है, वहीं बीपीएससी के आंदोलनरत अभ्यर्थी भी उनपर काफी गरम हैं। छात्रों का आरोप है कि वे लोग गर्दनीबाग में ठीकटाक आंदोलन कर रहे थे। लेकिन पीके ने गांधी मैदान से मार्च का ऐलान कर हमें वहां इकट्ठा करवा लिया और फिर लाठीचार्ज में हमें पिटवा दिया तथा खुद वहां से भाग गए। जबकि उन्होंने कहा था कि वे छात्रों के साथ उनको लीड करेंगे।
राजद, आईसा समेत विपक्ष का बिहार बंद
इधर आज सोमवार को राजद, AISA समेत तमाम विपक्षी गठबंधन ने बिहार बंद करने का ऐलान किया है। प्रशासन ने कल रविवार को गांधी मैदान में हुए प्रदर्शन के लिए प्रशांत किशोर समेत 700 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है। प्रशांत किशोर पर छात्रों को उकसाने का आरोप लगा है।
कैसे हीरो बनने के चक्कर में विलेन बने पीके
दरअसल बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर धरना पर बैठे अभ्यर्थियों से मिलने शनिवार को जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर गर्दनीबाग पहुंचे और रविवार को गांधी मैदान में ‘छात्र संसद’ आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि हर कदम में वो उनके साथ हैं। लेकिन इसी बीच जिला प्रशासन ने छात्र संसद को अनुमति देने से मना कर दिया। जिला प्रशासन का कहना था कि किसी कार्यक्रम के लिए 45 दिन पहले प्रशासन को चिट्ठी दी जानी चाहिए। वहीं गांधी मैदान में सरस मेला खत्म होने के बाद उसके स्ट्रक्चर को हटाने का काम चल रहा है। इसके अलावा वहां भारी संख्या में पुलिस बहाली के लिए उम्मीदवार भी प्रैक्टिस करने आ रहे हैं। ऐसे में छात्र संसद की अनुमति नहीं दी जा सकती।
लाठीचार्ज के बाद पीके को छात्रों ने खूब सुनाया
इसके बाद भी रविवार को BPSC के आंदोलनकारी उम्मीदवार गांधी मैदान पहुंच गए। इसके बाद प्रशांत किशोर फिर से गांधी मैदान पहुंचे। अभ्यर्थियों का दावा है कि वो प्रशांत किशोर के कहने पर ही गांधी मैदान पहुंच गए थे। वरना वो गर्दनीबाग में ही प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच अभ्यर्थियों को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। अभ्यर्थी बीच सड़क पर जा बैठे और फिर पुलिस ने वाटर कैनन का मुंह खोल दिया। आंदोलनकारी तब भी नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज के बाद अभ्यर्थियों का सारा गुस्सा प्रशांत किशोर पर उतरा। जब वो अभ्यर्थियों के पास पहुंचे तो BPSC उम्मीदवारों ने कहा कि ‘यही प्रशांत किशोर हमारे साथ लाठी खाने आए थे। बदतमीज इंसान हैं।’ इतना सुनते ही पीके उखड़ गए और उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा गर्मी तुम लोगों में आ गया है गुंडागर्दी कर रहे हो। ज्यादा होशियार मत बनो। दोपहर से तुम्हारे साथ बैठे हैं, दिमाग खराब मत करो।
अभ्यर्थियों से प्रशांत किशोर की जमकर झड़प
पीके की अभ्यर्थियों से जमकर झड़प हुई। प्रशांत किशोर इतना उखड़ गए कि उन्होंने एक अभ्यर्थी को कहा कि ज्यादा होशियार बन रहे हो, तमीज से बात करो नहीं तो चुप रहो। तुम्हारे लिए यहां दोपहर से बैठे हुए हैं, दिमाग खराब मत करो। सोमवार की सुबह से ही प्रशांत किशोर पर BPSC अभ्यर्थी उखड़े दिखे। उन्होंने कहा कि रविवार की रात जब वाटर कैनन और पुलिस की लाठियां चलीं तो प्रशांत किशोर उससे पहले ही निकल लिए। वो BPSC अभ्यर्थियों को पिटने के लिए छोड़ गए। लेकिन इस पूरे मामले में पुलिस ने नामजद FIR दर्ज की। इस FIR में प्रशांत किशोर पर मुकदमा तो दर्ज किया ही गया, उनकी पार्टी के फेस यानी जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज भारती भी फंस गए। उन पर भी पुलिस ने FIR दर्ज कर दी। इधर अभ्यर्थियों का कहना है कि सच तो यही है कि उनकी पिटाई प्रशांत किशोर के चलते हुई। नहीं तो गर्दनीबाद में आंदोलन सही चल रहा था।