रोहतास के बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में आज मंगलवार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक चपरासी को 1.16 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। दबोचे गए चपरासी का नाम विनोद कुमार ठाकुर बताया जाता है। विनोद ठाकुर बतौर आदेशपाल बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में तैनात है। उसकी गिरफ्तारी के बाद अनुमंडल कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। आदेशपाल विनोद ठाकुर पर आरोप है कि उसने सरकारी काम की पैरवी के लिए एक लाख की घूस ली थी। जानकारी के मुताबिक वह बिक्रमगंज के धनगांईं गांव निवासी राकेश कुमार ठाकुर से जमीन विवाद निपटाने के नाम पर रिश्वत ले रहा था। तभी पहले से जाल बिछाए निगरानी विभाग की टीम ने उसे धर दबोचा।
निगरानी डीएसपी नरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी चपरासी ने जमीन विवाद मामले में धनगाईं गांव निवासी राकेश कुमार ठाकुर से 1.60 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी। राकेश कुमार ठाकुर ने इसकी शिकायत निगरानी ब्यूरो से कर दी। राकेश ठाकुर की शिकायत के सत्यापन के बाद विजिलेंस टीम ने ट्रैप ऑपरेशन चलाया। इसके लिए अनुमंडल कार्यालय परिसर के निकट जाल बिछाया गया। जैसे ही राकेश ठाकुर और चपरासी के बीच पैसे का लेनदेन हुआ, इसी दौरान वहां मौजूद निगरानी टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
प्रारंभिक पूछताछ के बाद आरोपी चपरासी को निगरानी की टीम द्वारा पटना ले जाया गया है। वहां निगरानी की विशेष अदालत में गिरफ्तार चपरासी को पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि इस मामले में चपरासी ने शिकायतकर्ता से कुल एक लाख 60 हजार की रिश्वत डिमांड की थी। इसमें से आज जैसे ही उसने करीब सवा लाख रुपए शिकायतकर्ता से बतौर रिश्वत अपने हाथों में थामा, तभी निगरानी टीम ने उसे दबोच लिया। गौरतलब है कि रोहतास जिले में पिछले दो-तीन महीनों में यह सातवीं बड़ी कार्रवाई है। निगरानी विभाग और सीबीआई लगातार भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों पर शिकंजा कस रहे हैं, जिससे सरकारी दफ्तरों में खलबली मच गई है।