Patna: आज 1 जुलाई है, देशभर में लागू हो चुके नए कानून के तहत दिल्ली में पहला मामला दर्ज किया गया है। मामला दिल्ली के कमला मार्केट थाना इलाके में दर्ज हुआ जिसमें खुद पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. दर्ज कराये गए मामले के मुताबिक, उप निरीक्षक कार्तिक मीणा ने यह शिकायत दर्ज कराई है. बताया जा रहा है कि उप निरीक्षक इलाके में गश्त कर रहे थे, तब वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुट ब्रिज के पास डीलक्स शौचालय के नजदीक पहुंचे. यहां पर एक शख्स अपनी रेहड़ी लगाकर आम रास्ते पर पानी, बिड़ी और सिगरेट बेच रहा था.इससे लोगों को वहां से गुजरने में परेशानी हो रही थी.उप-निरीक्षक ने उसे रेहड़ी हटाने के लिए कहा लेकिन रेहड़ी मालिक ने अपनी मजबूरी बताई.वहां से नहीं जाने पर पुलिस कर्मी ने रेहड़ी वाले के खिलाफ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने और आमजन के आने जाने में दिक्कत करने का मामला दर्ज किया है.एफआईआर के मुताबिक, आरोपी की पहचान पंकज कुमार के रूप में हुई है, जो बिहार के बाढ़ का रहने वाला है.
दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा बोलें हम तैयार है
नया कानून लागू होने के बाद यह पहली घटना है जो दर्ज की गयी वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली पुलिस तीन नए कानूनों को लागू करने के लिए तैयार है.हमने आज सुबह से नए कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है जिसका यह ताज़ा उदाहरण है.
नए मामले को बीएनएस के तहत निबटाया जायेगा
जानकारी हो कि एक जुलाई से जब नए मामले दर्ज किए जाएंगे, तो उन पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराएं लागू होंगी. सभी को इन धाराओं का पालन करना होगा क्योंकि अब दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता मतलब बीएनएसएस की धाराओं के तहत निपटाया जाएगा.
सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है
अब अगर पुराने कानून की बात करते है तो, भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं अब मात्र 358 रह गई हैं.. संशोधन के जरिए इसमें 20 नए अपराध शामिल किए हैं, तो 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है. 83 अपराधों में जुर्माने की रकम भी बढ़ाई है तो वहीं 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है. छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है.अब साल ये उठता है कि इसकी मंजूरी कैसे मिली..?
राज्यसभा ने 21 दिसंबर 2023 को मंजूरी दी
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 12 दिसंबर 2023 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन संशोधित आपराधिक विधियकों को पेश किया था. इन विधेयकों को लोकसभा ने 20 दिसंबर, 2023 को और राज्यसभा ने 21 दिसंबर, 2023 को मंजूरी दी. राज्यसभा में विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए जाने के बाद ध्वनि मत से पारित किया गया था. इसके बाद 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद विधेयक कानून बन गए लेकिन इनके प्रभावी होने की तारीख 1 जुलाई, 2024 रखी गई. संसद में तीनों विधेयकों पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इनमें सजा देने के बजाय न्याय देने पर फोकस किया गया है.यानि कि आप साफ़ तौर पर समझ रहे होंगे कि किस मकसद से इस परिवर्तन का निर्णय लिया गया है और इसको इंफोर्स किया गया है.
शिवम् प्रेरणा की रिपोर्ट