सिनेमा-उनेमा का आयोजन बिहार के अलावा पूरे सिनेमा जगत के लिए सुखद : कुमोद कुमार
पटना: किसी भी फिल्म की सफलता तभी मानी जाती है जब अधिक से अधिक लोग उसे देखते हैं। इसलिए बिहार में अगर सिनेमा उद्योग को बढ़ावा देना है तो सरकार को पहला करना चाहिए कि यहां की क्षेत्रीय भाषा में बनी फिल्मों को बिहार भर के सिनेमा हॉल में आरक्षित स्लॉट में दिखने की व्यवस्था हो, तब भी बिहार में फिल्म उद्योग सही मायने में खड़ा हो पाएगा। यह काम फिल्म सिटी बनाने से पहले हो जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त बिहार में फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों को तकनीकी रूप से दक्ष होने की आवश्यकता है, तभी बिहार में विश्व स्तर की फिल्में बन सकती हैं।
उक्त बातें प्रसिद्ध फिल्मकार प्रणव शाही ने शनिवार को कहीं। पटना पुस्तक मेले के अंतर्गत चल रहे सिनेमा-उनेमा महोत्सव में वह बतौर मुख्य वक्ता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सिनेमा उद्योग यहां फले-फुले इसके लिए आवश्यक है कि यहां फिल्म निर्माण से जुड़े लोग तकनीकी रूप से दक्ष हों, ताकि बिहार में रहकर विश्व स्तर की फिल्में बन सकें।

प्रथम दर्शक के रूप में चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कुमोद कुमार ने कहा कि पुस्तक मेले में सिनेमा-उनेमा का आयोजन बिहार के अलावा पूरे सिनेमा जगत के लिए सुखद है। फिल्म क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं के लिए यह एक उचित मंच है। कार्यक्रम के संयोजक कुमार रविकांत ने कहा कि 10 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में बिहार और सिनेमा से जुड़े अलग-अलग आयामों पर चर्चा कराई जा रही है। दर्शक दीर्घा में रंगकर्मी कुमार अनुपम, सुमन कुमार, फिल्मकार प्रशांत रंजन, आकाशवाणी पटना की उद्घोषिका रचना सिंह, डॉ. शेफाली राय, कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद माधव, रंगकर्मी आर. नरेंद्र, प्रभात शाही, रत्नेश आदि उपस्थित थे।