क्यू आर कोड के माध्यम से भीख के पैसे लेने वाला देश का एकमात्र डिजिटल भिखारी राजू अब इस दुनिया में नहीं रहा। बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने के दौरान ही उसे दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल ले जाते—जाते उसकी मौत हो गई। राजू उस वक्त सुर्खियों में आया था जब क्यूआर कोड वाली तख्ती लटकाए बेतिया स्टेशन पर उसकी भीख मांगती फोटो मीडिया में आई।
बेतिया स्टेशन पर दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
इसके बाद तो पूरा भारत उसे देश के एकमात्र डिजिटल भिखारी के तौर पर पहचानने—जानने लगा। कोई भी यात्री उसे पैसे दिये बिना आगे नहीं बढ़ पाता। लोग अगर छुट्टे नहीं होने का बहाना बनाते तो वह अपने गले में लटके क्यूआर कोड वाली तख्ती को आगे कर देता। वह बताता था कि शारीरिक अक्षमता के कारण जब वह कोई काम करने लायक नहीं रह गया तब उसने भीख मांगकर गुजारा करना शुरू किया। वह पीएम मोदी की डिजिटल योजना से प्रेरित होकर ही क्यूआर कोड का इस्तेमाल भीख मांगने में करने लगा था।