पुरी,उड़ीसा – भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर पुरी शहर के राजेंद्र सूरी सेवा संस्थान परिसर में भगवत पुराण कथा का आयोजन धूमधाम से एवं उत्सवी माहौल में किया जा रहा है कथा पीठ पर स्वामी रामायनाचार्य वेदांती जी महाराज के द्वारा अपने मुखारविंद से कथा का वाचन किया जा रहा है जिसके रसधार में श्रोता गोता लगा रहे हैं भागवत कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा की भागवत महापुराण हमें जीने के लिए कला संस्कृति और अनुभव से ओत प्रोत करती है आत्मा को प्रेत योनि से मुक्ति का एकमात्र मार्ग भागवत कथा का श्रवण है।
गुरु की महता हमारे जीवन में अनुपम है क्योंकि गुरु के बिना हम जीवन का सार ही नहीं समझ सकते हैं लेकिन हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गुरु के सामने चंचलता नहीं करनी चाहिए और सदा ही अल्पवासी होना चाहिए। इसलिए गुरु की सेवा को समर्पित भाव से करना और उनके आदेश का पालन सदा ही करना चाहिए गुरु की महिमा अपार है और उनकी करुणा अद्भुत है कब किस पर अनुग्रह हो जाए। पृथ्वी लोक पर बार-बार परमात्मा का अवतरण होता है उनकी लीलायें होती है और गुणगान करते हुए कर्म धर्म के साथ ही महायज्ञ होते हैं।
परमात्मा जीव के करुण पुकार को सुनते हैं जब भी परमात्मा का गुण अनुवाद इस पृथ्वी पर होता है या परमात्मा स्वयं आकर यहां पर तरह-तरह के लिए लाइन करते हैं तो देवगन भी पृथ्वी पर जन्म लेने के लिए लालायित रहते हैं भागवत पुराण की कथा का श्रवण करने वाले भक्ति निश्चित रूप से मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं जिस प्रकार राजा परीक्षित श्राप से मुक्त हो गए, अनेक राक्षस और पापी भी भागवत कथा के श्रवण से मुक्त हो गए सभी पुराने और ग में महापुराण की संज्ञा पानी वाला श्रीमद् भागवत पुराण है जिसकी कथाओं का श्रवण करने के लिए इतने बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं भक्तों के मन की वांछित कल्पनाओं से परे हटकर पुण्य फल प्रदान करने वाला यह महत्व होता है।
वास्तव में श्रोता ही भागवत कथा के प्राण हैं जिनके कल्याण के लिए इस तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं। भगवान का उन्हीं लोगों के हृदय में वास होता है जो सत्कर्म करते हैं। अनैतिक कमाई का लाभ तो कोई भी उठा सकता है, परंतु तुम्हारे अनैतिक कर्मों को तुम्हें ही भोगना होगा भागवत महापुराण कथा के दौरान कीर्तन मंडली के द्वारा कीर्तन गायन एवं भक्ति मय संगीत के कारण राजेंद्र सूरी सेवा संस्थान परिसर के अलावे इर्द-गिर्द में गुंजायमान हो रहा है। इस अवसर पर भीमपुरा मसूरी निवासी मुख्य जजमान बैजनाथ शर्मा उनकी पत्नी कृष्णा देवी नागेंद्र शर्मा उनकी पत्नी मंजू देवी मुंशी गया राहुल कुमार उनकी पत्नी अर्चना देवी के अलावा सैकड़ो भक्तगण मौजूद थे।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट