बिहार के दूर—दराज के गांवों में गरीबी, बीमारी और आर्थिक तंगी से परेशान लोग ईसाई मिशनरी के निशाने पर हैं। मिशनरी वाले उनकी परेशानी का हल करने का दिलासा देकर उनसे धर्म परिवर्तन करने की शर्त्त रखते हैं। बीते साल बक्सर के बाद अब मधुबनी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें दवा करने और झाड़—फूंक के सहारे एक गांव में मिशनरी के लोग धर्म परिवर्तन कराते रंगेहाथ ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गए। स्थानीय ग्रामीणों के भड़कने और विरोध करने पर धर्म प्रचारक वहां से रफुचक्कर हो गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यूपी में धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून होने की वजह से उससे सटे बिहार के इलाके में मिशनरी के लोग धर्म परिवर्तन कराने वाले पैठ ज़माने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रचारक को थाना बुलाया गया
मामला बेतिया के पिपरासी प्रखंड के भरपटीया पाठक टोला गांव का है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पिछले कुछ माह से प्रत्येक सोमवार के दिन मिशनरी के लोग गांव—गांव में अभियान चलाते हैं और गरीब तथा परेशान ग्रामीणों को अपने जाल में फंसाकर धर्म परिवर्तन करवाते हैं। इस गिरोह के बारे में स्थानीय लोगों ने पुलिस को भी सूचना दी। इसके बाद यह बात सामने आया कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा मामले में उपेक्षापूर्ण रवैये से ईसाई मिशनरी के लोगों का हौसला बढ़ता गया और उन्होंने पिपरासी प्रखंड के कई गांवों को अपने टार्गेट पर ले लिया। मिशनरी से लोग हर सोमवार को पिपरासी प्रखंड के डुमरी मुड़ाडीह पंचायत के भरपटीया पाठक टोला गांव में इलाज और झाड़फूंक के नाम पर स्थानीय लोगों को बहला कर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। इसी दौरान उनके असल मकसद का भान होते ही ग्रामीण भड़क गए और उनसे उलझ गए।
स्थानीय लोगों के मुताबिक ईसाई मिशनरी के सदस्यों को उन्होंने दवा देने के नाम पर भोले-भाले लोगों को धर्म परिवर्तन करने को कहते देखा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मामले पर मुखिया जोखू बैठा ने कहा कि हमें इस घटना की शिकायत मिली है। इसके बाद अधिकारियों को सूचना देकर कार्रवाई करने की मांग की गई। पिपरासी थानाध्यक्ष ने कहा कि हमें शिकायत मिली है। त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रचारक को थाना में उपस्थित होकर डॉक्यूमेंट दिखाने का निर्देश दिया गया है। पुलिस इस मामले में हर एंगल से जांच करेगी