बाढ़ : दुनिया की सबसे बड़ी राजनैतिक दल भाजपा है और भाजपा के पास कार्यकर्ताओं का सैलाब है तथा दूसरी कोई पार्टी तालाब है तो भाजपा सैलाब है।बहीं इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए बिहार विधान सभा का चुनाव लड़ेगी और मुख्यमंत्री श्रीकुमार के अलावे दूसरा कोई नही है।यह बातें पटना से खगड़िया जाने के दौरान संगठन जिला बाढ़ के फुलेश्वर पैट्रोल पंप पर भजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये स्वागत समारोह के क्रम में मीडियाकर्मियों को संबोंधित करते हुये भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कही।
प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि जबसे एनडीए की सरकार है,तबसे पूरे राज्य में काफी विकास हुआ है।शहर से लेकर गांव-गांव तक सड़क, विजली, पेयजल आदि में व्यापक विकास और परिवर्तन हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष श्रीजायसवाल ने कहा कि विपक्ष को अपराध या राज्य सरकार के खिलाफ बोलने से पहले चुल्लू भर पानी में डूब जाना चाहिये और आज जो विपक्ष बोल रहे हैं वो जब सत्ता में थे तो अपराधियों से समझौता मुख्यमंत्री आवास में कराया जाता था।प्रदेश अध्यक्ष श्रीजायसवाल ने कहा कि हमें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेवारी मिलने के बाद से हर जिले में घूम-घूम कर अपने कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं।
नये प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को पटना से खगड़िया जाने के दौरान संगठन जिला बाढ़ में जगह जगह कार्यकर्ताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।सर्वप्रथम में नगर के काजीचक पैट्रोल पंप पर भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण कुमार शाह, भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ०सियाराम सिंह,उपाध्यक्ष संजीव कुमार मुन्ना, संजय कुमार, अरबिंद कुमार, प्रिय रंजन, अधिवक्ता सुभाष रंजन, मुखिया प्रतिनिधि अंजनी कुमार, विवेक कुमार, संजय गिरी सहित दर्जनों लोगों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्रीजायसवाल को फूलमाला, बूके और अंगबस्त्र देकर स्वागत किया।
वहीं, नगर के सवेरा सिनेमा मोड़ के पास भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष प्रो० रामानन्द झा, पूर्व जिलाध्यक्ष राणा सुधीर कुमार सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद सिंह, पंडारक दक्षिणी मंडल अध्यक्ष शशिभूषण सिंह, विद्यानन्द सिंह, सुबोध कुमार सिंह, राणा अशोक कुमार सिंह, बबलू यादव, रमण सिंह, मंटू सिंह सहित अनेकों पार्टी कार्यकर्ताओं ने भब्य स्वागत और अभिनन्दन किया। उधर प्रखंड के मलाही स्थित भाजपा कार्यालय में भी प्रदेश अध्यक्ष श्रीजायसवाल का स्वागत कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष अरुण कुमार शाह के नेतृत्व में किया गया।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट