बढ़ : पटना प्रमंडल आयुक्त मयंक वड़वड़े ने दुर्गा पूजा एवं दशहरा को लेकर सोमबार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि दुर्गा पूजा एवं दशहरा अवसर पर सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग,तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर वीडियो-कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित प्रमंडल-स्तरीय एक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।इसमें केंद्रीय प्रक्षेत्र पुलिस महानिरीक्षक पटना गरिमा मलिक,शाहाबाद रेंज पुलिस उप महानिरीक्षक, प्रमंडल अन्तर्गत सभी छः जिलों के क्रमशः पटना, नालन्दा,भोजपुर,बक्सर, रोहतास एवं कैमूर के जिला पदाधिकारी,वरीय पुलिस अधीक्षक,पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। पदाधिकारियों को दिए गए निदेश में प्रमंडलीय आयुक्त मयंक बड़बड़े ने कहा कि पर्व-त्यौहारों का समय आ रहा है और दुर्गा पूजा,दीपावली एवं छठ पर्व 2024 के अवसर पर विशेष सतर्कता बरतें।
सभी डीएम,एसएसपी एवं एसपी उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुचारू यातायात तथा अचूक सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करें।सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-नियंत्रण के मानकों के अनुसार दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को तैनात रखें तथा ड्रोन से सारे गतिविधियों पर नज़र रखें। सभी जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक स्वयं भ्रमणशील रहें तथा क्षेत्र का जायजा लेते रहें।क्षेत्रीय पदाधिकारीगण सभी हितधारकों(स्टेकहोल्डर्स)से सार्थक संवाद कायम रखें। शांति समिति की ससमय बैठक कर लें।सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने – अपने क्षेत्रों में तैयारियों का पर्यवेक्षण करें।
आसूचना तंत्र को सुदृढ़ एवं सक्रिय रखें। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को सतत क्रियाशील रखने के साथ अफवाहों का त्वरित खंडन करें।पूर्व की घटनाओं में शामिल लोगों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करें और बंध-पत्र भरवायें। भीड़ की गतिविधियों पर सीसीटीवी से निगरानी करें तथा इस आशय का फ्लेक्स एवं बैनर जगह-जगह प्रदर्शित करें कि आप सीसीटीवी की नजर में हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) एवं क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम (क्यूएमआरटी)तैनात रखें। मद्य – अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें।विदित हो कि इस वर्ष दिनांक 03 अक्टूबर (गुरूवार) को शारदीय नवरात्र की कलश स्थापना के साथ दुर्गा पूजा प्रारंभ हो रहा है। दिनांक 10 अक्टूबर (गुरूवार)को सप्तमी,11 अक्टूबर (शुक्रवार)को महाअष्टमी एवं महानवमी तथा 12 अक्टूबर(शनिवार) को दशहरा(विजयादशमी)है।
दुर्गा पूजा के बाद 31 अक्टूबर (गुरूवार) को दीपावली तथा 7 एवं 8 नवंबर को छठ पूजा है।आयुक्त मयंक वरवड़े ने कहा कि इन सब पर्व एवं त्योहारों के मद्देनजर सुदृढ़ प्रशासनिक तैयारी सुनिश्चित रखें।आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक द्वारा सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों तथा वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों से एक – एक कर उनके जिले में तैयारियों के बारे में पृच्छा की गई।आयुक्त एवं पुलिस महानिरीक्षक ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि त्यौहार के दौरान किसी भी प्रकार का मेला,सांस्कृतिक कार्यक्रम, रावण वध, जुलूस, विसर्जन जुलूस इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा।
पूजा आयोजन हेतु शत – प्रतिशत अनुज्ञप्ति निर्गत कराना एवं अनुज्ञप्ति नवीकरण कराना अनिवार्य है।आपदा प्रबंधन विभाग के गाईडलाईन के अनुसार पूजा पंडालों का निर्माण एवं संचालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है। आयोजकों के द्वारा पंडालों के पास सीसीटीवी एवं वीडियोग्राफी की व्यवस्था रहेगी।आयोजकों द्वारा अग्निशमन की ठोस व्यवस्था किया जाना अनिवार्य है। सभी पूजा पंडालों में अस्थायी विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। भीड़ प्रबंधन हेतु लाउडस्पीकर की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए।आपत्तिजनक स्लोगन, कार्टून इत्यादि पर रोक है। किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगया गया है।मूर्ति का विसर्जन अस्थायी तालाब में ही किया जाना है। आतिशबाजी पर रोक है।
डीजे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।
आयुक्त श्रीबड़बड़े ने कहा कि दुर्गा पूजा में विभिन्न मंदिरों तथा सावर्जनिक दुर्गा पूजन स्थलों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होने की संभावना रहती है तथा पटना में वृहद तैयारी की आवश्यकता पड़ती है। पटना के गांधी मैदान में रावण-वध कार्यक्रम होता है और अन्य स्थानों पर भी यह होता है। अतः सतर्कता के साथ तैयारी सुनिश्चित की जाए।सभी जिला पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी तथा पुलिस पदाधिकारी भीड़ प्रबंधन के मानकों का दृढ़ता के साथ परन्तु विनम्रतापूर्वक अनुपालन कराएंगे।गश्ती दल द्वारा रेगुलर पेट्रोलिंग की जाए।नियंत्रण कक्ष से भीड़ पर निगरानी रखी जाए। सीसीटीवी कैमरा एवं वीडियोग्राफी के माध्यम से अनुश्रवण किया जाए। मेडिकल कैम्प एवं ‘‘मे आई हेल्प यू’’ काउण्टर भी क्रियाशील रहे।यथेष्ट प्रशासनिक सतर्कता, यथोचित निगरानी तथा सुरक्षामूलक कार्रवाई करें।
आयुक्त श्रीबड़बड़े ने सभी जिला पदाधिकारियों एवं वरीय पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों, अनुमंडल पदाधिकारियों एवं सहायक पुलिस अधीक्षकों, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को ससमय शांति समिति की बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अंचल,थाना,अनुमण्डल एवं जिला स्तर पर शांति समिति की बैठक में स्थानीय स्तर पर सक्रिय युवकों,गणमान्य व्यक्तियों एवं सिविल सोसाईटी के सक्रिय सदस्यों को भी आमंत्रित करते हुए उनसे सुझाव प्राप्त किया जाये तथा बैठक की विधिवत उपस्थिति पंजी एवं कार्यवाही तैयार करायें।आयुक्त श्रीबड़बड़े ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूजा समितियों से 20-20 सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची मोबाइल नंबर के साथ तैयार करें तथा पंडाल में वॉलेन्टियर की प्रतिनियुक्ति परिचय पत्र एवं मोनोग्राम के साथ करें।
आयुक्त ने कहा कि सभी पदाधिकारी संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतेंगे तथा असामाजिक तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई करेंगे और कॉम्युनिकेशन प्लान सुनिश्चित कर विधि-व्यवस्था का संधारण करेंगे। आयुक्त ने कहा कि पंडाल का निर्माण तथा प्रतिमा विसर्जन हेतु निर्धारित मानकों का अनुपालन अनिवार्य है तथा संबंधित अधिकारी बिहार(पूजा के उपरांत मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली 2021 में वर्णित प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करायें एवं इसके तहत मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 20 फीट तथा ऊपरी संरचना की ऊंचाई 40 फीट तक ही सीमित रखा जाना है।
मूर्तियों को प्राकृतिक सामग्री यथा पारंपरिक मिट्टी,बाँस आदि से बनाया जाये तथा मूर्ति निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस(पीओपी)का उपयोग नहीं किया जायेगा।मूर्तियों की रंगाई के लिए जहरीले और गैर-जैव विघटनीय रासायनिक रंगों और कृत्रिम रंगों का उपयोग नहीं किया जाएगा। मूर्तियों को पानी में घुलनशील और गैर-विषैले प्राकृतिक रंगों से रंगाई किया जाये।विद्युत विभाग के अभियंताओं को सुनिश्चित करना होगा कि पूजा पंडालों में कहीं भी लूज वायर न रहे। नगर निगम, नगर परिषद् तथा नगर पंचायत अपने-अपने कार्यक्षेत्र में साफ-सफाई एवं प्रकाश की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।नगर निकायों का डेडिकेटेड टीम क्रियाशील रहे।
शौचालय एवं पेयजल की बेहतर सुविधा सुनिश्चित की जाये और विद्युत अभियंता निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।आयुक्त ने कहा कि आवश्यकतानुसार पार्किंग की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिये।आयुक्त ने कहा कि पूजा आयोजन हेतु शत – प्रतिशत अनुज्ञप्ति निर्गत एवं नवीकरण कराना सुनिश्चित करेंगे और अनुज्ञप्ति में अंकित स्थल एवं मूर्ति विसर्जन मार्ग का शत – प्रतिशत भौतिक सत्यापन भी सुनिश्चित करेंगे।संबंधित पूजा समितियों द्वारा बनाये जाने वाले पंडालों तथा इनमें पूजन हेतु स्थापित की जाने वाली मूर्तियों की ऊँचाई क्रमशः 40 फीट तथा 20 फीट से ज्यादा न हो तथा उक्त नियमावली के अनुपालन में हो।
पंडालों के पास सीसीटीवी की व्यवस्था रहनी चाहिये।आयोजन एवं पंडाल की अनुज्ञप्ति में ही यह शर्त प्रविष्ट करेंगे कि पूजा समिति के आयोजक पूजा पंडालों में चिन्हित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों का अस्थायी रूप से अधिष्ठापन करवायेंगें ताकि भीड़ की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके और किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने तथा सोशल मीडिया पर भी अफवाहों से बचने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही माईकिंग भी कराया जाये तथा अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत नियमानुसार कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे।आपतिजनक स्लोगन,कार्टून इत्यादि पर रोक है।इसे सभी पदाधिकारी सख्ती से सुनिश्चित करेंगे।
आयुक्त ने कहा कि जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण)अधिनियम 1974 के अनुसार मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में होगा तथा किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और मूर्ति विसर्जन के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद,नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दिशा – निदेशों का अक्षरशः अनुपालन करना होगा।इसके अलावे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के अनुसार मूर्तियों के विसर्जन से पहले जैव – विघटनीय सामग्रियां निपटान के लिए अलग से एकत्र की जाये।सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।पूजा समितियों को उनके इस दायित्व से अवगत करा दिया जाये तथा मूर्ति विसर्जन के मार्ग का निर्धारण कर लिया जाये।मूर्ति विसर्जन हेतु कृत्रिम घाटों का स्थल निरीक्षण अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे।
जुलूस मार्ग एवं घाटों को अतिक्रमणमुक्त रखें।सुरक्षित एवं पर्यावरण – अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की जाये।आयुक्त ने कहा कि लाउडस्पीकर की नियुमानसार सशर्त अनुमति अनुमंडल पदाधिकारी से प्राप्त की जायेगी और रात्रि 10 बजे से सुबह 06 बजे तक लाउडस्पीकर पर रोक है। डीजे पर हर परिस्थिति में पूर्ण प्रतिबंध रहेगा एवं डीजे पूर्णरूपेण वर्जित रहेगा। इसे सुनिश्चित किया जाये।आयुक्त ने जिला पदाधिकारियों को नावों का निबंधन,नावों की संख्या, प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या,कार्यरत नाविकों की संख्या आदि बिन्दुओं की सूक्ष्म समीक्षा अनुमंडल पदाधिकारियों के साथ कर लेने का निदेश दिया।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से एवं दुर्घटना से बचाव हेतु त्यौहारों के अवसर पर निजी नावों के परिचालन-परिवहन सुरक्षा हेतु बिहार आदर्श नौका अधिनियम 1985 के तहत नियंत्रणात्मक विधि अपनायेगें। विसर्जन के दिन नदी में बिना अनुमति के नाव परिचालन पर रोक रहेगी।आयुक्त ने निर्देश दिया कि अवैध पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने हेतु धावा दल को सक्रिय रखेंगे एवं दोषियों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।सभी जिलाधिकारी अपने स्तर पर बैठक आहूत कर जिला अग्निशमन पदाधिकारी से अग्निशमन संयंत्रों की संख्या, कार्यशीलता,फायर ऑडिट, अग्निशमन वाहन की उपलब्धता,वाटर रिफलिंग के संसाधन के बिन्दुओं पर समीक्षा कर लेंगे।विसर्जन जुलूस एवं विसर्जन स्थल पर आतिशबाजी पर पूर्णतः रोक है।
सभी जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक इसका अनुपालन करायेंगे।आयुक्त ने कहा कि छठ के लिये अनुपयुक्त एवं खतरनाक घाटों को समय से पब्लिक डोमेन में जारी किया जाये ताकि श्रद्धालुओं को सभी सूचना ससमय मिले एवं तदनुरूप वे तैयारी करें।घाटों के निरीक्षण एवं खतरनाक घाटों के सूचीकरण हेतु निरीक्षणोपरांत चिन्हित करते हुए सूचीबद्ध कर लिया जाये।आयुक्त ने कहा कि इस कार्य में प्रशासनिक पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी,जल संसाधन एवं लघु सिंचाई विभाग के अभियंताओं की निरीक्षण टीम गठित की जाये।
आयुक्त द्वारा सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से नदी घाटों पर एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीम की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।आयुक्त ने कहा कि त्यौहार के अवसर पर आमजन के सुगम आवागमन के लिये अपेक्षित कार्रवाई करें।सभी जिला पदाधिकारी,वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक यातायात पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर यातायात व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन हेतु समुचित संख्या में यातायात पदाधिकारी एवं यातायात पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कराना सुनिश्चित करेंगे,इसके साथ ही निर्धारित ट्रैफिक प्लान को जनता में प्रसारित करेंगे और यातायात नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करायेंगे।
सिविल सर्जन आवश्यक संसाधनों तथा चिकित्सकों के साथ मेडिकल टीम को सक्रिय रखेंगे। जिला अग्निशाम पदाधिकारी फायर ब्रिगेड यूनिट की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे और साथ ही किसी भी आकस्मिकता की स्थिति से निपटने हेतु आवश्यक व्यवस्था भी उपलब्ध रखेंगे। आयुक्त श्रीमयंक वरवड़े ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को सजग,सतर्क एवं सक्रिय रहने की आवश्यकता है। विधि-व्यवस्था संधारण से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट