बाढ़ : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बाढ़ सेवा केंद्र में काफी हर्षोंल्लास के साथ मनाया गया। महोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर नगर परिषद अध्यक्ष संजय कुमार उर्फ गाय माता ने किया। मौके पर स्टेशन प्रबंधक जी० पी० सिंह भी मौजूद थे।सर्वप्रथम ” ऊँ शांति ” का ध्यान किया गया। इसआयोजन का मुख्य उद्देश्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करना था।
इस सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगिनी बी०के० ज्योति दीदी जी ने कृष्ण जन्माष्टमी की आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए कहा कि हमारा भारत देश हमेशा से देवभूमि के रूप में याद किया जाता है और इस देव भूमि में कृष्ण को प्रथम देवता माना गया है तथा परमात्मा शिव जो सृष्टि के रचयिता हैं,उनकी सर्वश्रेष्ठ कृति अर्थात रचना श्रीकृष्ण ही हैं और उनके जीवन से प्रेम,सत्यता,आत्म निर्भरता के दर्शन होते हैं। वहीं, प्रेमलता ने कहा कि अगर हमें अपने देश भारत को फिर से स्वर्ग बनाना है तो हर नागरिक को चाहिए कि वह अपने को देवताओं जैसा अनुकरण करें और देवताओं के द्वारा दिये गए ज्ञान से शिक्षा ग्रहण करें।
इस महोत्सव में संचालिका राजयोगिनी वी० के० ज्योति दीदी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव का ध्यान और भजन किया। अंकित आंनद द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के महोत्सव पर भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न मुद्राओं की चित्र के साथ मोरपंख एवं फूलमालाओं से मंच को आकर्षक सजाया गया। बीते देर रात तक महोत्सव स्थल पर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा।
सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट