अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ द्वारा नवनिर्वाचित ब्राह्मण सांसदों का अभिनंदन समारोह
नई दिल्ली : अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ द्वारा नवनिर्वाचित ब्राह्मण संसद सदस्यों का अभिनंदन समारोह भव्यता और उत्साह के साथ आयोजित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता अश्वनी कुमार चौबे जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं इसका समन्वय अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ अध्यक्ष डा. गोविंद कुलकर्णी ने किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने भाग लिया। यह देश के ब्राह्मणों की एकता के प्रतीक हैं। इस समारोह में उत्तरा खंड से तमिलनाडु तक, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश,बिहार सहित देश के लगभग सभी राज्यों के ब्राह्मण प्रतिनिधियों और सांसदों ने भाग लिया। यह आयोजन ब्राह्मण समाज की एकता और राष्ट्रीय विकास में उसके योगदान को समर्पित था।
श्री अश्विनी कुमार चौबे जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सभा अध्यक्ष के रूप में संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ब्राह्मण समाज का समावेशी दृष्टिकोण, उसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत सदियों से भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रही है। ब्राह्मण समाज ने आध्यात्मिक ज्ञान और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रचार-प्रसार किया है।
उन्होंने कहा, “ब्राह्मण हमेशा से ही समाज सुधार, शिक्षा, और सांस्कृतिक उत्थान में अग्रणी रहा है। अब समय आ गया है कि हम एकजुट होकर देश के विकास में और अधिक सक्रिय योगदान दें।” समारोह में उपस्थित सांसदों ने भी अपने विचार साझा किए और देश के सभी क्षेत्रों में ब्राह्मण समुदाय कि प्रतिम योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। पुरातन काल से लेकर आज तक, ब्राह्मण समाज ने न केवल धार्मिक अनुष्ठानों और संस्कारों को जीवित रखा, बल्कि ज्ञान, विज्ञान, और कला के विभिन्न क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त की है। ब्राह्मण समाज ने देश की एकता और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण, भारतीय संस्कृति के संवर्धन में सदियों से अग्रणी भूमिका निभाई है।
प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित गुरुकुल परंपरा ने शिक्षा के क्षेत्र में आधारशिला रखी। जिसने भारतीय सभ्यता को एक वैश्विक पहचान दिलाई। इसके अलावा, आधुनिक युग में भी ब्राह्मण समाज ने समाज सुधार और शिक्षा के प्रसार में अग्रणी भूमिका रहा है। उन्होंने कहा, “भारत की पौराणिक संस्कृत से लेकर वर्तमान समय तक के विकास में ब्राह्मण समाज का योगदान अविस्मरणीय रहा है। यह समाज न केवल अपने ज्ञान और विद्या से, बल्कि अपने नैतिक और सामाजिक मूल्यों के माध्यम से भी देश की प्रगति में सहायक रहा है।”
इस समारोह का उद्देश्य ब्राह्मण समाज के सदस्यों के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना है जिससे वे देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। इस अवसर पर सभी ने ब्राह्मण समाज की समृद्ध परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने और उसे आगे बढ़ाने की दिशा में एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।
सांसदों ने इस अवसर पर ब्राह्मण समाज की एकता को और सुदृढ़ करने के लिए आह्वान किया और समाज के सदस्यों को देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि समाज के लोग विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान को और अधिक प्रभावी बनाएं और राष्ट्रीय एकता और प्रगति के लिए मिलकर काम करें।
श्री गोविंद कुलकर्णी ने सभी सांसदों और प्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि यह समारोह ब्राह्मण समाज की शक्ति और उसके सदस्यों की प्रतिभा को उजागर करता है।समारोह का समापन में अखिल भारतीय संत समिति (धर्म समाज)के श्री आचार्य शुभेन्दु शर्मा द्वारा सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों को उनके समर्थन और योगदान के लिए सराहना की गई। इसमें यह स्पष्ट किया कि ब्राह्मण समाज न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में सक्षम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
हमारे इतिहास में सबसे कठिन समय में, जब भारत को औपनिवेशिक शक्तियों से लड़ना पड़ा और एक नई राष्ट्रीय पहचान बनानी थी, तब ब्राह्मणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज, भारत अपने चहुंमुखी विकास के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। हमारे देश की मजबूत अर्थव्यवस्था, प्रभावशाली विदेश नीति, तकनीकी नवाचार और हमारे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सराहा जाता है। यह उपलब्धियां हमारे सभी समुदायों के सहयोग और प्रयासों का परिणाम हैं।
समारोह का समापन में अखिल भारतीय संत समिति (धर्म समाज)के श्री आचार्य शुभेन्दु शर्मा द्वारा सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिनिधियों को उनके समर्थन और योगदान के लिए सराहना की गई। इसमें यह स्पष्ट किया कि ब्राह्मण समाज न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में सक्षम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
हमारे इतिहास में सबसे कठिन समय में, जब भारत को औपनिवेशिक शक्तियों से लड़ना पड़ा और एक नई राष्ट्रीय पहचान बनानी थी, तब ब्राह्मणों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज, भारत अपने चहुंमुखी विकास के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। हमारे देश की मजबूत अर्थव्यवस्था, प्रभावशाली विदेश नीति, तकनीकी नवाचार और हमारे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को सराहा जाता है। यह उपलब्धियां हमारे सभी समुदायों के सहयोग और प्रयासों का परिणाम हैं।