नई दिल्ली : भारत में 25 जून को केंद्र सरकार द्वारा संविधान हत्या दिवस घोषित किया गया। यह उद्घोषणा अखिल भारतीय संपूर्ण क्रांति संगठन और लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा 25 जून को आयोजित आपातका विभीषिका दिवस कार्यक्रम के बाद की गई। इस संबंध में दोनों संगठनों द्वारा पीएम मोदी को “प्रधानमंत्री धन्यवाद ज्ञापन सभा” का आयोजन 25 जुलाई 2024 को दोपहर 2:10 बजे, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संयोजन में उनके दिल्ली स्थित आवासीय कार्यालय 30 डा. ए. पी॰ जे॰ कलाम मार्ग पर किया गया।
इस अवसर पर डॉक्टर सत्य नारायण जटिया जी, भाजपा संसदीय बोर्ड सदस्य अश्विनी कुमार चौबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं संरक्षक अखिल भारतीय संपूर्ण क्रांति संगठन, कैलाश सोनी, पूर्व सांसद राज्यसभा एवं अध्यक्ष लोकतन्त्र सेनानी संघ एवं राजेंद्र गहलोत, सांसद एवं राष्ट्रीय महामंत्री लोकतन्त्र सेनानी संघ ने संबोधित किया। संयोजक अश्विनी चौबे ने कार्यक्रम में जेपी आंदोलन के परिवारों की वर्तमान काल की व्यथा कथा उनके संघर्ष और बलिदानों की मूक गवाही पर चर्चा किया। 1970 के दशक के दौरान जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले इस ऐतिहासिक आंदोलन ने अनेक युवाओं और परिवारों को राजनीति और समाज सेवा में उतारा।
उन्होंने कहा आज, इन परिवारों के कई सदस्य एक अदृश्य संघर्ष से जूझ रहे हैं। देश की राजनीति में अभूतपूर्व परिवर्तन की धुरी रहे अनेक सेनानी आर्थिक और सामाजिक मान्यता के लिए तरस रहे हैं। जिन मूल्यों और आदर्शों के लिए उन्होंने संघर्ष किया, उन्हें वर्तमान राजनीति में तेजी से लुप्त होते देखना उनके लिए पीड़ादायक है। उनका जीवन संघर्ष, आदर्शों की लड़ाई और समाज के प्रति उनकी अविचल निष्ठा की एक ऐसी गाथा है, जो न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि एक गहरे चिंतन की मांग भी करती है। जेपी आंदोलन के परिवारों के योगदान को ध्यान में रखते हुए, सरकार को उनकी सहायता के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इस आंदोलन ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जो आज की सरकार की प्रथम प्राथमिकता है।
ज्ञात हो की इस संबंध में एक कार्यक्रम 1974 जेपी आंदोलन के प्रणेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मुख्य संरक्षक अखिल भारतीय संपूर्ण क्रांति संगठन अश्विनी कुमार चौबे, की पहल पर लोकतंत्र सेनानी संघ (आपातकाल के बंदियों का अखिल भारतीय संगठन) के साथ जेपी आंदोलन स्वर्ण शताब्दी वर्ष समारोह का आयोजन 25 जनवरी 2024 को कांस्टीट्यूशन क्लब नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में एम वैकैया नायडू, पूर्व उपराष्ट्रपति आदि महानुभावों ने उपस्थित होकर उनकी व्यथा- कथा पर चिंतन मनन कर जेपी आंदोलनकारी का संबल बढ़ाया और विकसित भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों का संरक्षण एवं युवाओं की भूमिका विषय पर चर्चा में भाग लिया। जेपी आंदोलन स्वर्ण शताब्दी समारोह निम्नलिखित प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किया जाता है।
सरकार जेपी आंदोलन में भाग लेने वाले परिवारों के लिए विभिन्न कार्य –
1. इन परिवारों को उनके योगदान के लिए विशेष सम्मान और पुरस्कार दिए जाने चाहिए। केंद्र सरकार उन्हें ताम्रपत्र या प्रशस्ति पत्र देकर, सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित करके उनकी भूमिका को सराहा जाना चाहिए।
2. यदि किसी जेपी आंदोलनकारी या आपातकाल बंदी का देहावसान होता है तो उसका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए एवं संस्कार व्यय सरकार वहन करे। संस्कार के लिए वही व्यवस्था की जाय जो वायु सैनिको के किए इस वर्ष शुरू की गई है।
3. आर्थिक सहायता और पेंशन योजनाओं के माध्यम से वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
4. जेपी आंदोलनकारियों आंदोलन एवं आपातकाल के बंदियों को पूर्व सांसद की तरह रेल यात्रा का कूपन दिया जाए और सभी राज्य सरकारों द्वारा संचालित बसों के लिए कूपन जारी किया जाए। बसों में उनके लिए दो सीट आरक्षित रखी जाए।
5. जेपी आंदोलन एवं आपातकाल को स्कूल सिलेबस में शामिल किया जाए।
6. जेपी आंदोलन से जुड़े परिवारों के युवाओं के लिए आर्थिक स्थित को मजबूत करने के लिए लघु एवं मध्यम उद्योग आदि की सुविधाओं की जानकारी उपलब्द्ध कराकर स्वरोजगार का विशेष अभियान चलाया जा सकता है।
7. प्रधान मंत्री आवास योजनाओं में प्राथमिकता और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
8. विभिन्न राज्यों में जेपी सेनानियों / लोकतंत्र सेनानियों को अलग-अलग धनराशि दी जा रही है . सभी राज्यों में एकरूपता लाई जाए। यह राशि अधिकतम राशि देने वाले के बराबर की जाए। यदि किसी राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को पेंशन नहीं दी जा रही है तो केंद्र सरकार उसके लिए कदम उठाए।
9. पेंशन राशि का निर्धारण अलग-अलग राज्य में अलग-अलग समय पर काफी पहले किया गया था। अब महंगाई बहुत बढ़ गई है। इस राशि को भारत सरकार में बढ़ने वाले डी ए से जोड़कर दिया जाए, अर्थात जिस प्रकार सरकार अपने कर्मचारियों को डी ए की वृद्धि दे देते हैं,उसी प्रकार हमारी पेंशन में भी डी ए जोड़ कर दिया जाए।
10. भारत सरकार आयुष्मान कार्ड द्वारा नागरिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रही है। इसके लिए चिकित्सा उपरांत बिल सबमिट करना पड़ता है, फिर उसका भुगतान कई महीनो में होता है, इसे कैशलेस किया जाए।
11. दूसरे 70 वर्ष से अधिक उम्र के देश के नागरिकों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। अधिकांश जेपी सेनानी या लोकतंत्र सेनानी 70 वर्ष की उम्र पार कर गए हैं। कुछ ही 65 से 70 के बीच में है। इन्हें उम्र में छूट देते हुए आयुष्मान कार्ड की सुविधा 65 वर्ष पर उपलब्ध कराई जाए।
12. सरकार सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम या राज्य सरकार की सरकारी स्वास्थ्य योजना स्वास्थ्य योजनाओं में लाकर निःशुल्क औषधि उपलब्द्ध कराये।
आज के इस कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया और आग्रह किया गया कि केंद्र सरकार उपर्युक्त प्रस्ताव को एक मांग के रूप में स्वीकार करें और उनका अनुपालन केंद्र सरकार अपने मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों द्वारा किया जाए यह सुनिश्चित कराये।