कुर्था,अरवल। छात्र संगठन आइसा ने एस.बी.ए.एन. काॅलेज दरहेटा लारी में नामांकन के नाम पर अवैध फीस लेने पर एकदिवसीय विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें उन्होंने कुर्था प्रखंड क्षेत्र के एस.बी.ए.एन. कॉलेज दरहेटा लारी में छात्रों का नि:शुल्क नामांकन लेने और लिए गए शुल्क वापस करने की गारंटी देने की मांग करते हुए कहा कि आइसा आने वाले दिनों में मजबूत गोलबंदी के साथ छात्रहित में आंदोलन करेगी।
आइसा राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, सचिव सबीर कुमार, राज्य परिषद सदस्य हेमंत राज, रंजना कुमारी ने एक ज्ञापन प्रभारी प्रिंसिपल को सौपा। इस मौके पर आइसा राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी व राज्य सचिव सबीर कुमार ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि एस.बी.ए.एन. काॅलेज दरहेटा लारी, कुर्था में छात्राओं का यु.जी. सत्र 2024-28 के फर्स्ट सेमेस्टर में नामांकन होने के बाद जिसका नामांकन रसीद 210 का दे दिया गया था लेकिन छात्राओं को शुल्क बकाया राशि 3405 रुपये काॅलेज प्रशासन के द्वारा बताया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार छात्राओं का नामांकन प्राथमिक कक्षा से पी.जी तक की पढ़ाई के लिए निःशुल्क की है। लेकिन बिहार के कई विश्वविधालयों के संबद्ध महाविधालयों में छात्रों से दाखिला और रजिस्ट्रेशन के नाम पर अवैध रूप से वसूली की जाती है। इसके खिलाफ में छात्राओं का विरोध प्रदर्शन लगातार हो रहा है, लेकिन काॅलेज कैम्पस में फीस के नाम पर शिक्षा का बाजारीकरण हो रहा है। बिहार सरकार इस मामले पर कोई ठोस पहलकदमी नही ले रही है। बिहार में साईकिल योजना से लेकर स्कॉलरशिप तक बड़ी-बड़ी रकम छात्राओं को उच्च शिक्षा में जाने के लिए प्रलोभन दिए जा रहे है।
परन्तु, बिहार में जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट में केवल 6.11 प्रतिशत लोग ही स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रहे है। स्नातकोत्तर की पढ़ाई केवल 0.82 प्रतिशत ही कर रहे है। यह राज्य के लिए असंवेदनशील है। बिहार भर के कई विश्वविधालय के संबद्ध काॅलेजो में छात्राओं से फीस ली जा रही है। छात्रों का कहना है कि पहचान पत्र, परित्याग पत्र, यहां तक कि प्रोफेसर को निजी रूप से काॅलेज में पढ़ाने के लिए बुलाया जाता है। जिसका वेतन छात्राओं से लिए गए शुल्क पर आधारित होता है, साथ ही काॅलेज मेंटेनेंस चार्ज के नाम पर राशि को वसुल कर रहा है। उन्होंने कहा कि अवैध वसूली यह बिहार के साथ छात्रों का भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है।
ऐसे में लगातार शिक्षण संस्थानों में अनियमितता और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। एफ. वाई. यु. पी. आने से फीस वृद्धि की जा रही है इससे पूर्व स्नातक की पढ़ाई पूरी करने में छात्रों को केवल 6,000 ही देने परते थे वही एफ.वाई.यु.पी. के तहत रू. 30,000 लग रहा है यहां शोषितों-वंचितों, मजदूर-किसान वर्गो के बच्चे के लिए शिक्षा के क्षेत्र से बाहर किया जा रहा है। यह फीस वृद्धि छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। विरोध प्रदर्शन में आइसा राज्य परिषद सदस्य हेमंत राज, रौशन कुमार, रांझना कुमारी, नीत, रेहाना, अंजली, खुशबु, सोनी, मुस्कान, पुष्पा, विनोद, धनराज इत्यादि छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
चांदनी कुमारी की रिपोर्ट