अरवल -दलित आरक्षण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज भारत बंद पर भाकपा माले कार्यलय से भगत सिंह चौक होते हुए ब्लॉक प्रांगण से मार्च करते हुए भगत सिंह चौक पर सभा में तब्दील हो गई। मार्च का नेतृत्व भाकपा माले के स्थानीय विधायक कॉ महानंद सिंह जिला सचिव जितेंद्र यादव महेंद्र प्रसाद ने किया जिसकी अध्यक्षता कॉ सुयेब आलम ने की सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के राज्य स्थाई समिति सदस्य सह अरवल विधायक कॉ महानंद सिंह ने कहा कि संविधान के अनुसार दलित आरक्षण के बारे में कोई भी संशोधन सांसद और राष्ट्रपति के अनुमोदन से ही संभव है लेकिन क्रीमि लेयर और दलितों के भीतर वंचितों का पता लगाने की जिम्मेवारी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को दी हैं इसलिए हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस असंवैधानिक फैसले का विरोध करती है।
क्रीमी लेयर को चिन्हित करने का सुझाव भी दलित आरक्षण को खत्म करने की भाजपाई साजिश का ही हिस्सा है। दलित आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं, सामाजिक वंचना है, जो ऊंचे पदों पर जाने के बाद भी देखने को मिलता है। देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति के साथ भी छुआछूत देखने को मिला है। कोर्ट के भीतर कोटा दलितों में फूट डालने आपस में लड़वाने और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा की खातिर भाजपा के खिलाफ चल रहे उनके एकताबद्ध संघर्ष को कमजोर करने की साजिश है। एनडीए दलों के भीतर और देश में व्यापक विरोध के कारण ,भाजपा की मोदी सरकार क्रीमी लेयर लागू करने से पीछे हट गया है। लेकिन वह कोर्ट के भीतर कोटा पर मौन है।
आगे उन्होंने कहा कि आज देश की संविधान एवं आरक्षण बचाने की लड़ाई चल रही है।भाजपा ने संविधान में लगातार छेड़ छाड़ कर रही है।अभी तक 10 पन्ना संविधान का बदल दिया है।अगर इस बार 400 सीट भाजपा का आ जाती तो पूर्ण रूप से संविधान को खत्म कर मनुस्मृति लागू कर देता लेकिन ऐसा हुआ नहीं इसीलिए धीरे धीरे बदल रहा है।
दक्षिण भारत में कोर्ट के भीतर कोटा की चिरलंबित लोकप्रिय मांग है। यह एक सच्चाई है की दलित आरक्षण का लाभ समान रूप से सभी दलित जातियों को नहीं मिला है दलितों का एक हिस्सा आज भी बहुत पिछड़ा हुआ है। हमारी पार्टी भी चाहती है की इस विसंगीत को दूर किया जाए। और दलितों के वंचित हिस्से के उत्थान के लिए व्यापक कदम उठाए जाएं। लेकिन इसे दलितो के एक हिस्से को आरक्षण से वंचित करने का बहाना नहीं बनाया जाना चाहिए दलितों के अतिवंचित हिस्से की पहचान ईनके समाजिक आर्थिक सर्वे के बाद ही संभव है सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी जातियों की सामाजिक आर्थिक गणना की जरूरत सामने आती है यह देश में एक लोकप्रिय मांग भी है ।
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि आज पूरे देश कोलकाता बलात्कार व हत्याकांड के खिलाफ आंदोलित है। हर जगह से आवाज उठ रही है। लोग सड़क पर है लेकिन कोलकाता कांड पर खूब बढ़ चढ़कर बोलने वाली भाजपा व जदयू बिहार के मुजफ्फरपुर की घटना पर चुप है। यह कैसा दोहरेपन है?मोदी शासन में पूरे देश में महिलाओं पर हमले बढा हैं। भाजपा का पुरा चरित्र ही महीला विरोधी है।
मार्च में उपस्थित भाकपा माले के नगर सचिव कॉ नंदकिशोर कुमार जिला कमेटी सदस्य सह पूर्व मुखिया गणेश यादव जिला कमिटी सदस्य सह पूर्व मुखिया कॉ रामकुमार वर्मा जिला कमिटी सदस्य कॉ लीला वर्मा जिला कमिटी सदस्य कॉ सुयेव आलम उर्फ़ नेताजी इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव सह पूर्व नगर परिषद सदस्य कॉ टुन्ना शर्मा उर्फ रामकांत कुमार बिहार राज्य परिषद सदस्य कॉ नीतीश कुमार सहित सैंकड़ों लोगों सामिल थे।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट