अरवल – पायस मिशन स्कूल प्रांगण में दीपावली की पूर्व संध्या पर बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के द्वारा भगवान श्रीराम एवं राक्षस राज रावण के किरदार को जीवंत किया गया। रामायण के सभी पात्रों के अभिनय को बच्चों ने बहुत ही शानदार तरीके से निभाया। रामायण के नाट्य रूपांतरण में सीता माता का हरण तथा रावण वध को दर्शाया गया।
इस नाट्य के माध्यम से दिखाया गया कि रावण चाहे जितना भी शक्तिशाली था, लेकिन सत्य के सामने उसकी भी पराजय हुई। इसलिए रावण वध को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है, ताकि लोगों के यह हमेशा याद रहे की “जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है’ साथ ही माता काली के रूप में रक्तबीज के वध को भी दर्शाया गया। वर्ग नवम् की छात्रा मुस्कान ने माता काली के स्वरूप को अपने अभिनय बल पर साक्षात् दर्शन करा दिया।
इस नाट्य रूपांतरण को देखकर विद्यालय के निदेशक राजकुमार ने प्रफुल्लित एवं मंत्रमुग्ध होते हुए कहा कि आज से पहले हम सभी इस तरह के कार्यक्रम को सिर्फ टीवी या सिनेमा के पर्दे पर ही देखा करते थे। लेकिन आज हमारे बच्चों ने उन सभी पात्रों को अपने अभिनय से जीवंत कर दिया। इसके अलावे बिहार का सबसे लोकप्रिय पर्व छठ महापर्व को भी छात्राओं ने बहुत ही शानदार तरीके से पेश किया।वहीं दूसरी ओर दीपावली के शुभ अवसर विद्यालय प्रांगण में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विद्यालय के सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्राओं ने विभिन्न तरह के रंगोली बनाकर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
पायस मिशन स्कूल के निदेशक राज कुमार ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यालय में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी देना भी अनिवार्य है। वर्तमान समय में हमारे बच्चे मोबाईल के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। वे अपनी पढ़ाई एवं अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं। इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि सभी बच्चों को अपने पर्व एवं अपनी संस्कृति का भी ज्ञान हो सके। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक राज कुमार, प्राचार्या सोनम मिश्रा, समन्वयक प्रेम राजवंश, श्याम सुन्दर शर्मा, कविता शर्मा एवं विद्यालय के अन्य शिक्षक-शिक्षिकायें उपस्थित हुए।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट