अरवल -मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण के बहाने मताधिकार से बिहारियों को वंचित करने का षड्यंत्र के खिलाफ चक्काजाम के साथ – साथ देश के मजदूर संगठनों के आह्वान पर अखिल भारतीय आम हड़ताल को सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) अपना पूरजोर समर्थन देने के लिए सड़क पर उतरा.अरवल भगत सिंह चौक पर आंदोलनकारियों के तरफ से किए गए चक्काजाम के दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय आंदोलन बिहार के सचिव सुबोध यादव ने कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि 18 वर्ष के हो चुके तमाम भारतीय को मतदाता सूची में पंजीकृत करे। कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची से बाहर नहीं रहे।
भारत में रह रहे मां-बाप से जन्मे तमाम लोग को संविधान के मुताबिक मताधिकार हासिल है। लेकिन चुनाव आयोग अपनी स्वायत्त और निष्पक्ष छवि को खत्म कर भाजपा का आयोग बन गया है। तभी अचानक चुनाव से ठीक तीन माह पहले एक माह के अंदर गहन पुनरीक्षण के बहाने मतदाताओं से अपनी नागरिकता साबित करनेवाले कागजात की मांग की जा रही है. सरकार चुनाव आयोग के माध्यम से एन आर सी लागू करना चाहती है। तमाम तरह के सरकारी कामकाज में पहचान पत्र के तौर पर उपयोग के लिए अनिवार्य कर दिए गए आधार कार्ड को अमान्य कर दिया गया है।
अशिक्षित गरीब मजदूरों के पास उपलब्ध राशनकार्ड, मनरेगा कार्ड, को भी अमान्य कर दिया गया है. और आधार कार्ड के बिना बनने वाला आवासीय प्रमाणपत्र के साथ जन्म प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है.जबकि सर्वविदित है कि जन्मप्रमाण पत्र बमुश्किल 2.8 प्रतिशत लोगों के पास ही उपलब्ध है. आम मतदाता से मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए किसी भी तरह का भारतीय होने का सबुत मांगना अलोकतांत्रिक क़दम है. मतदाताओं से मांगे जा रहे कागजात उपलब्ध करने और न करने के स्थिति में ई आर ओ के विवेक पर होगा कि उन्हें मतदाता सूची में शामिल किया जाए या नहीं।
इ आर ओ को सहयोग करने के लिए नियुक्त किए गए बी एल ओ और स्वयं सेवकों के सलाह पर जब यह किया जाएगा तो आशंका है विपक्षी दल के आधार मतदाताओं, मुसलमानों सहित बहुजनों के नाम निर्वाचक सूची से भारी पैमाने पर बाहर कर दिया जाए.यह षड्यंत्र तो लोकतंत्र की हत्या करके भी सत्ता में बने रहने के लिए संघ-भाजपा की कवायद का ही हिस्सा है.बिहारी प्रवासी मजदूरों को ,बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को, खेती-बाड़ी में लगे मेहनतकश खेत मजदूरों व किसानों को चुनाव आयोग मुश्किल में ला खड़ा किया है.इसलिए चुनाव आयोग एस आई आर के बहाने मताधिकार पर हमला बंद करे .
तमाम मजदूर संगठनों के आह्वान पर जारी अखिल भारतीय आम हड़ताल के पक्ष में समर्थन जताया. निजीकरण व ठेका प्रथा के खिलाफ, बिजली निजीकरण के खिलाफ तथा श्रमिक विरोधी चारों लेबर कोड को वापिस लेने की मांग को पुरजोर समर्थन देते हुए मोदी सरकार को कारपोरेट परस्त और मजदूर -किसान विरोधी करार दिया. इस मौके पर सामाजिक न्याय आंदोलन बिहार के जनार्दन प्रसाद,अरुण कुमार,अमन कुमार,चंदन कुमार,सुनिल कुमार, सहित महागठबंधन के सभी साथी उपस्थित रहें।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट