अरवल -जब भारत निर्वाचन आयोग बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान 2025 के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने में जुटा है, तब विपक्ष भ्रम फैलाकर राजनीतिक रोटियाँ सेंकने में व्यस्त है।विपक्ष का चक्का जाम आंदोलन दरअसल मतदाताओं को भ्रमित कर, डराकर और गुमराह कर बिहार की सत्ता में आने का प्रयास है। लेकिन यह तय है कि बिहार की जनता अब भावनात्मक और जातीय उन्माद की राजनीति को नहीं स्वीकार करेगी।
यह वही विपक्ष है, जिसने सत्ता में रहते हुए बिहार को लूट का अड्डा बनाया — चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, जमीन घोटाला यही इनकी पहचान है।” श्री यादव ने कहा कि जिनके माता-पिता मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार को जंगलराज में झोंक दिया, वे आज फिर से सत्ता पाने के लिए झूठ का सहारा ले रहे हैं। तेजस्वी यादव आज अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलकर वही ‘डर की राजनीति’ करना चाहते हैं।जब सत्ता में थे, तो नरसंहार, जातीय हिंसा, अपहरण उद्योग और भय का साम्राज्य था। अब फिर से भ्रम फैलाकर लोकतंत्र को हाइजैक करना चाहते हैं।”
जदयू जिला प्रवक्ता चांद मलिक ने कहा की बिहार की जनता अब जान चुकी है कि विपक्ष को न बिहार की उन्नति की चिंता है, न युवाओं के भविष्य की।उनका केवल एक ही उद्देश्य है — सत्ता में लौटकर फिर से बिहार को लूटना। लेकिन जनता अब दिल पर हाथ रखकर निर्णय ले रही है कि उन्हें इंजीनियर नीतीश कुमार जैसा विकासशील नेतृत्व चाहिए या नवमी फेल तेजस्वी यादव जैसा दिशाहीन नेतृत्व।”
जदयू ने कहा कि विपक्ष का यह आंदोलन दरअसल “फर्जी वोटरों को बचाने की कोशिश” है, ताकि चुनाव में तिकड़मबाज़ी से सत्ता हासिल की जा सके। बिहार में लोकतंत्र के स्तंभों को कमजोर करने का काम नहीं चलेगा।जनता का विश्वास नीतीश कुमार के नेतृत्व पर है, जिनके शासन में बिहार को सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन की राह पर मजबूती से बढ़ाया गया है।”
अब फैसला जनता को करना है
क्या बिहार को फिर उसी पुराने अंधकार में लौटाना है या विकास, शांति और सुशासन की राह पर आगे बढ़ाना है? जनता दल (यूनाइटेड) पूरी मजबूती से जनता के साथ खड़ा है। हर साजिश का पर्दाफाश होगा, हर झूठ का जवाब मिलेगा। 2025 का विधानसभा चुनाव लोकतंत्र की जीत और भ्रम की हार का चुनाव होगा।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट