अरवल -बिहार के शिक्षा और परिवारवाद को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा दिए गए बयान न केवल तथ्यों से परे हैं, बल्कि बिलकुल हास्यास्पद भी हैं। जो स्वयं 9वीं फेल हैं, वे आज बिहार की शिक्षा व्यवस्था को उपदेश दे रहे हैं — यह बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा विडंबनात्मक दृश्य है। शिक्षा बजट में ऐतिहासिक बढ़ोतरी – नीतीश सरकार का संकल्प बिहार सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में शिक्षा क्षेत्र के लिए ₹60,964.87 करोड़ का विशाल बजट प्रस्तावित किया है। यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि नीतीश कुमार जी की उस सोच का प्रतिबिंब है, जिसमें शिक्षा को सशक्त बिहार की नींव माना गया है।
नीतीश सरकार की शिक्षा क्रांति कुछ ठोस उपलब्धियाँ
हर पंचायत में टेन प्लस टू स्कूल – अब बच्चों को 10वीं के बाद पढ़ाई के लिए शहर नहीं जाना पड़ता। हर जिले में इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, जीएनएम, आईटीआई संस्थान – तकनीकी शिक्षा में नया युग। बालिका साइकिल योजना, पोशाक, और छात्रवृत्ति योजना – बेटियों की पढ़ाई में आई क्रांति। स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशालाएं – सरकारी स्कूलों को डिजिटल युग में प्रवेश।
राजद शासन का काला अध्याय शिक्षा का मज़ाक और परिवार का महिमामंडन
जब बिहार में चरवाहा विद्यालय योजना चलाई गई थी, तब स्कूलों में शिक्षा नहीं, राजनीति और नौटंकी होती थी। चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव ने अंगूठा छाप राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया — सिर्फ इसलिए कि वे उनकी पत्नी थीं।
परिवारवाद पर उपदेश देने वाले लोग का माय -बहन सम्मान योजना की सच्चाई यही तो है बेटी मिसा भारती को राज्यसभा, बेटा तेजस्वी को उपमुख्यमंत्री, बहन को टिकट, भाई को मंत्री, और मामा-मौसा को बिहार लूटने का लाइसेंस दे दिया गया।
यही लोग आज नीतीश कुमार जैसे साफ छवि वाले नेता पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं — जबकि 19 वर्षों में नीतीश जी ने कभी भी अपने किसी रिश्तेदार को न राजनीति में लाया, न आयोगों में बिठाया, न पद दिलाया।
तेजस्वी यादव जवाब दें
आपके शासनकाल में कितने कॉलेज खुले?आपकी सरकार में कितनी शिक्षक बहालियाँ हुईं? आपने बिहार की बेटियों के लिए क्या योजना चलाई? क्यों आपकी सरकार में शिक्षा व्यवस्था एक तमाशा बनकर रह गई थी?
बिहार के युवा अब अंगूठा छाप नहीं, स्मार्ट और सक्षम हैं नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार ने वह मुकाम हासिल किया है, जहां बेटियाँ यू पी एस सी से लेकर आई आई टी तक अपना परचम लहरा रही हैं।बिहार की जनता अब परिवारवादियों को पहचान चुकी है – जो संविधान, अवसर और संस्थानों को अपने खानदान का जागीर समझते हैं। जदयू अरवल जिला यह स्पष्ट करना चाहता है कि हम शिक्षा, विकास और सामाजिक न्याय के प्रति नीतीश कुमार जी की प्रतिबद्धता के साथ पूरी ताकत से खड़े हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता इन्हीं तथ्यों के साथ फैसला सुनाएगी और परिवारवाद को नकारेगी।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट