अरवल – नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान आम जनता को रोड व होम अरेस्ट करना जनता के साथ दुर्गति करना है। यह बात भाकपा माले के विधायक महानंद सिंह व जिला सचिव जितेंद्र यादव ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा। नेता द्वय ने कहा कि अरवल व जहानाबाद की जनता के साथ इस तरह का व्यवहार जनता के साथ दुर्गति करना है। विदित हो कि नीतीश कुमार का अरवल और जहानाबाद में प्रगति यात्रा एवं रिपोर्ट की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया था।
दोनों जिला में करीब 15 दिनों से सारे पदाधिकारी जनता के सारे कामकाज को छोड़कर प्रगति यात्रा की सफलता में लगे हुए थे। जिस प्रकार आम सड़कों को सील कर दिया गया था, पत्रकार को फटकने नहीं दिया गया, अस्पताल को सील कर दिया गया, आम लोगों को सड़क पर चलना मुश्किल हो गया, यह रोड व होम अरेस्ट करना है। यह सरकार का व्यवहार इमरजेंसी जैसा करना है। जो कहीं से लोकतंत्र में उचित नहीं है। नेताओं ने कहा कि सरकार जनता से डरी हुई है। सरकार इतना जनता से डर गई है कि जनता के सामने उनका आने की हिम्मत नहीं हो पा रही है ।इसीलिए रोड को दोनों तरफ घेरा गया और आम लोगों को आने-जाने की भी सुविधा रोक दिया गया। यह कहीं से उचित नहीं है।
यह यात्रा अफसर, ठेकेदार, माफिया एवं नौकरशाहों के लिए प्रगति प्रदान करेगा जबकि बिजली बिल देने वाले आम उपभोक्ता, महंगाई की मार से कराहने वाली जनता, बेरोजगारी का बोझ ढोने वाले नौजवान, फसल का उचित दाम नहीं पाने वाले किसान, पक्का मकान हासिल करने के लिए रिश्वत नहीं दे पाने वाले गरीब-भूमिहीन, 5 डिसमिल जमीन के लिए टकटकी लगाने वाले आम गरीब के लिए 20 सालों के शासनकाल में दुर्गति के अलावे कुछ भी तोहफा नहीँ दिया गया।
यही कारण है कि आम लोगों के लिए यह दुर्गति यात्रा साबित हुई है। आज जिन्हें इलाज करने के लिए अस्पताल जाने का मौका नहीं मिला, सड़क पर काम नहीं कर सके, छोटे-छोटे दुकानदार, ठेला वाले, रिक्शा टेंपो वाले लोग जो दिहाड़ी पर अपना घर परिवार का पेट भरते है उन सारे लोगों को प्रगति यात्रा ने आज घर में ही कैदी के तरह रहना पड़ा है। नेताओं ने कहा कि आज जनता के साथ जो सरकार दुर्गति की है आम जनता के साथ जो दुर्गति की गई है। जनता जरूर जवाब देगी। आने वाले समय में जनता इन्हें गद्दी से उखाड़ कर फेंकेगी।
नीतीश सरकार यदि सचमुच में प्रगति की बात करते तो 6000 से कम आमदनी वाले लोगों के लिए कोई नया घोषणा करते। किसानों के फसल का उचित दाम के लिए घोषणा करते। नहर की सुविधा बेहतर हो इसके लिए नहर का आधुनिकीकरण कडवन जलाशय के निर्माण करने का घोषणा करते, अस्पताल में डॉक्टर की पदस्थापित करने की घोषणा किया जाता। लेकिन जनता के जरूरत के मुद्दे, जनता के जरूरत वाले सवाल के समाधान के लिए कुछ भी घोषणा नहीं होना आम जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। यहाँ तक समीक्षा मीटिंग में भी सरकार ने इन सवालों पर कोई फोकस नहीं किया।
अरवल में बालू उत्खनन से जहां सोनटतीय प्रभावित गांव के लोग परेशान है। वहां के लोगों के लिए कोई राहत की गुंजाइश इस सरकार में नहीं दिख रही है। नेताओं ने आगे कहा कि जनता के तोहफा के रूप में आंदोलन के अलावे कुछ नहीं मिला है। जनता के हाथ में संघर्ष का ही मुद्दा है। जनता के पाले में आंदोलन के जरिए ही अपना अधिकार हासिल करने का ही रास्ता एकमात्र बच रहा है। इसलिए भाकपा माले तमाम किसान मजदूर छात्र नौजवान को एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया है।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट