भागलपुर में आज शनिवार को भाजपा से बागी हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है। अर्जित भागलपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इससे नाराज होकर अर्जित शाश्वत ने बागी रुख अख्तियार कर लिया और भागलपुर सीट से निर्दलीय लड़ने की घोषणा कर दी थी। इसी के तहत आज शनिवार को वे नॉमिनेशन करने समाहरणालय भी पहुंच गए। लेकिन तभी अचानक उनकों समाहरणालय परिसर में ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का फोन आया। अमित शाह से फोन पर बात करने के बाद अर्जित शाश्वत ने नॉमिनेशन नहीं करने और भागलपुर सीट से चुनाव लड़ने से मना कर दिया।
अर्जित शाश्वत पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अश्विनी चौबे के पुत्र हैं। अर्जित की भागलपुर में जनता के बीच काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। लेकिन पार्टी से टिकट उन्हें न मिलकर रोहित पांडेय को दे दिया गया। इसके बाद से ही अर्जित निर्दलीय यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। आज शनिवार को वे यहां से नामांकन करने वाले थे। जैसे यह खबर चुनाव के मद्देनजर पटना में प्रवास कर रहे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंची, उन्होंने इसमें दखल दिया और सीधे अर्जित शाश्वत को फोन मिला उन्हें वहां से खड़ा नहीं होने के लिए मनाया। अर्जित के भागलपुर से निर्दलीय खड़ा होने से वहां एनडीए के बीजेपी कैंडिडेट की हालत पतली हो रही थी। इसी को देखते हुए सीधे अमित शाह को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। कहा जा रहा कि अगर अर्जित 8—10 हजार वोट भी ले आते तो यहां से रोहित पांडेय का जीतना मुश्किल हो जाता। बिहार चुनाव के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में अर्जित के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का नाम भी शामिल है।