बिहार में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए हैं। दूसरे चरण में कुल 66.90% वोटिंग हुई। अब सभी को 14 नवंबर के दिन होने वाली मतों की गिनती का इंतजार है जिसके बाद ये नतीजे सामने आएंगे कि बिहार में किसकी सरकार बन रही है। लेकिन उससे पहले चुनाव बाद कराए गए तमाम एक्जिट पोल ने नतीजों का कुछ संकेत पहले ही दे दिया है। इसके अनुसार बिहार में एक बार फिर से ‘नीतीशे कुमार है’। जेवीसी, पी-मार्क, पीपुल्स पल्स सर्वे, पीपुल्स इनसाइट, मैट्राइज आदि इन सभी एजेंसियों ने अपने-अपने एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलता दिखाया है। इन सबके नतीजों में सिर्फ आंकड़ों का फर्क है। सबसे अधिक मैट्राइज ने एनडीए के लिए 147 से लेकर 167 सीटों का अनुमान लगाया है। जबकि पीपुल्स इनसाइट ने 133 से 148 के बीच सीट मिलने की संभावना जतायी है। एनडीए के लिए सबसे कम अनुमान चाणक्य स्टैटेजीज ने लगाया है जिसमें 130 से 138 के बीच सीटें मिलने की संभावना जताई है।
एक्जिट पोल में सबसे चौंकाने वाला अनुमान जन सुराज पार्टी के लिए है। पी-मार्क एग्जिट पोल में जनसुराज को 1 से 4 के बीच सीट मिलने की संभावना जतायी गयी है। तेजस्वी ने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा, लेकिन एग्जिट पोल में वो पिछड़ते नजर आ रहे हैं। लगभग सभी सर्वे एजेंसियों ने एक्जिट पोल में महागठबंधन को 70 से 90 के बीच सीटें दी हैं। हालांकि महागठबंधन ने एक्जिट पोल को सिरे से नकारते हुए कहा कि हर हाल में इसबार तेजस्वी के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन की सरकार बन रही है। एक्जिट पोल के नतीजे अंतिम नहीं होते और ये ज्यादातर गलत ही साबित होते हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा और जदयू के एनडीए खेमे में दावा किया जा रहा कि एक्जिट पोल में दी गई सीटों से भी ज्यादा सीटों पर उनके गठबंधन की जीत हो रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलने के पीछे स्पष्ट तौर पर नीतीश कुमार की नीतियों को क्रेडिट दिया जा रहा है। जो नतीजे एक्जिट पोल में सामने आए हैं उनका अंदाजा बिहार चुनाव के दौरान ही महिलाओं की लंबी-लंबी लाइनों को देख हो गया था। नीतीश को सबसे बड़ा फायदा बिहार में शराबबंदी से मिला। महिलाओं को डर था कि अगर महागठबंधन की सरकार सत्ता गई तो कहीं शराबबंदी खत्म न कर दी जाए और घरों में फिर लड़ाई-क्लेश होने लगे। शराबबंदी की वजह से महिलाओं को गली-मोहल्लों में शराब ठेकों के बाहर मनचलों की भीड़ से भी निजात मिली हुई है। यह भी एक वजह थी कि महिलाओं का रुझान बिहार चुनाव में नीतीश कुमार और एनडीए की तरफ ज्यादा रहा। इसके अलावा महिलाओं को रोजगार के लिए दिए गए 10 हजार की मदद ने भी काफी असर डाला।