बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में आज शनिवार को रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने तत्कालीन लालू सरकार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत पांच आरोपियों को 3—3 साल की सजा सुनाई। इस घोटाले में 28 साल बाद सीबीआई की अदालत का फैसला आया। बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत पांच दोषियों को अदालत ने तीन-तीन साल की सजा सुनायी, जबकि 7 अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। खचाखच भरे कोर्ट में आज सीबीआई के न्यायाधीश ने दोषी पांचों लोगों पर 15-15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
सात आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी
सीबीआई की अदालत से सजा पानेवाले दोषियों में बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन, शहाबुदीन, पवन कुमार अग्रवाल ,अशोक कुमार अग्रवाल और विनय कुमार सिन्हा शामिल हैं। सीबीआई की अदालत ने इन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई और सात आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अलकतरा घोटाले का मामला 1994 में तब सुर्खियों में आया जब इसमें बड़े पैमाने पर सरकारी राशि के गबन की बात मीडिया में छपी। 1994 में बिहार में लालू यादव मुख्यमंत्री थे और उस वक्त मो. इलियास हुसैन उनकी सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री थे।