पटना : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) बिहार में आदर्श गौशालाओं की संख्या बढ़ाएगी। इन गौशालाओं में देसी गांव का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा तथा देसी गांव के माध्यम से एक आर्थिक क्रांति भी लाई जाएगी। विहिप का मानना है कि घर-घर गाय और ग्राम-ग्राम गौशाला होनी चाहिए। उक्त विचार बुधवार को भारतीय गौवंश रक्षण संवर्धन परिषद के केंद्रीय संरक्षक हुकुम चंद सांवला ने व्यक्त किए।
पटना के नक्षत्र गेस्ट हाउस में भारतीय गौवंश रक्षण संवर्धन परिषद के दो दिवसीय केंद्रीय संच की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देशी गौवंश के संरक्षण से ही देश की प्रगति संभव है। इसके संरक्षण से ही रोजगारयुक्त नौजवान, कर्जमुक्त किसान और रसायनमुक्त अनाज हो पाएगा। ज्ञात हो कि भारतीय गौवंश रक्षण संवर्धन परिषद विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षा विभाग की एक इकाई है। परिषद द्वारा भारत में कई आदर्श गौशालाएं स्थापित की गई हैं।
एक गौ भक्त नागरिक संगोष्ठी भी आयोजित की गई जिसमें रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव तथा जैविक कृषि की विशेषता देसी गाय पालन तथा इस उत्पाद से लाभ आदि मुख्य विषयों की जानकारी दी गई। वक्ताओं ने बिहार में गौ सेवा आयोग बनाकर गो तस्करी को रोकने तथा गोचर भूमि को मुक्त करने का राज्य सरकार से आग्रह भी किया। कार्यक्रम में परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष तथा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. गुरु प्रसाद सिंह, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर एन सिंह, पद्मश्री सम्मान से सम्मानित समाजसेवी विमल जैन इत्यादि कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।