शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा देने की खबरों का आज मंगलवार को खंडन किया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि एस सिद्धार्थ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति वीआरएस के लिए सरकार को आवेदन दिया है। बताया जाता है कि उन्होंने 17 जुलाई को अपना वीआरएस आवेदन सरकार को सौंप दिया, जो अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास विचाराधीन है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इधर एस सिद्धार्थ के वीआरएस या इस्तीफे को लेकर नीतीश सरकार की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। आज विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी एसीएस एस सिद्धार्थ आफिसर्स लॉबी में बैठे दिखे।
एसीएस एस सिद्धार्थ द्वारा वीआरएस आवेदन दिये जाने की पुष्टि मुख्यमंत्री सचिवालय ने भी की है जिसके अनुसार, उनका इस्तीफा वहां पहुंच गया है और इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंतिम निर्णय लेंगे। अटकलें हैं कि इस्तीफे के बाद, वह जदयू के टिकट पर नवादा जिले से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हाल ही में उन्होंने नवादा का दौरा भी किया था जहां एक स्कूल का निरीक्षण करने के बाद एस सिद्धार्थ वहां लिट्टी बनाते नजर आए थे। यही नहीं, 1991 बैच के आईएएस अधिकारी एस. सिद्धार्थ एक प्रशिक्षित पायलट भी हैं।
एक तर्क यह भी दिया जा रहा है कि यदि एस सिद्धार्थ का इस्तीफा बिहार सरकार से मंजूर नहीं होता है तो उन्हें नवंबर 2025 तक इंतजार करना होगा। या फिर इसके लिए उन्हें केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि एस. सिद्धार्थ 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। एस सिद्धार्थ अपने अलग अंदाज के लिए हमेशा चर्चा में रहे हैं। वो अचानक स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच जाते हैं। वे अक्सर स्कूलों में बच्चों की कॉपियां चेक करते और ज़मीनी हकीकत पर फीडबैक लेते नजर आते रहे हैं।। ट्रेन में यात्रियों से बातचीत, चाय की दुकानों पर आम लोगों से संवाद और खुद लिट्टी सेंकना, ये सब जमीन से जोड़ने वाली उनकी पर्सनालिटी खूबियां रही हैं। उनका यह साधारण व्यवहार बिहार के लोगों के बीच खूब लोकप्रिय हुआ है।