पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर दी। भारत ने 7 मई को तड़के डेढ़ से दो बजे के बीच ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस दौरान पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। भारतीय सेना ने इसके लिए राफेल, आत्मघाती ड्रोन और स्कैल्प मिसाइलों का इस्तेमाल किया। अब तक की इनपुट में कहा गया कि कम से कम 100 आतंकियों को मार गिराया गया है। यह भी खबर है कि पाकिस्तान की तरफ से जवाबी कार्रवाई की कोशिश की गई लेकिन इस दौरान भारतीय आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान के एक जेएफ 17 और एक एफ 16 विमान को मार गिराया।
पाकिस्तान में खलबली और बौखलाहट
उधर भारत की POK में एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है और इमरजेंसी मीटिंग बुलाई गई है। पहलगाम में हुए हमले के बाद ही इस ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनी। पहलगाम के बैसरन इलाके में आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए काम करता है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता चला कि इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) भी शामिल हैं। इस हमले में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर काम किया। तीनों सेनाओं ने सटीक निशाना लगाने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया। इसमें आम्तघाती ड्रोन का भी शामिल हुआ।
आतंकी कैंपों की सटीक जानकारी
खबरों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों ने पहले ही जानकारी जुटा ली थी कि पाकिस्तान और PoK में कहां-कहां आतंकी शिविर हैं। इसके बाद भारतीय सेना ने उन ठिकानों पर हमला किया। हमलों में सेना की तीनों शाखाओं ने मिलकर काम किया। उन्होंने सटीक हथियार प्रणालियों का इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि ये हमले भारत के विध्वंसक जेट राफेल से किए गए। इसमें स्कैल्प क्रूज मिसाइलें, हैमर मिसाइलों और आत्मघाती ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। आत्मघाती ड्रोन विस्फोटकों से भरे होते हैं और वे घूमते रहने के लिए डिजाइन किये गये हैं। यह तब तक घूमता रहता है, जब तक कि कोई लक्ष्य निर्धारित न हो जाए। टारगेट सेट होने के बाद ये ड्रोन फट जाते हैं। इस ड्रोन की खास बात यह है कि ये छिपे रहकर टारगेट के विरुद्ध हमला करने में सक्षम होते हैं।