बिहार में अररिया के बकरा नदी पर बने पुल के ढहने के बाद bridge गिरने जो सिलसिला शुरू हुआ उसकी अगली कड़ी में अब किशनगंज में एक और पुल कुर्बान हो गया। पहले अररिया, फिर सिवान और फिर मोतिहारी के बाद अब किशनगंज के बहादुरगंज प्रखंड अंतर्गत मरिया नदी पर बना पुल बरसात में बढ़े पानी का दबाव नहीं झेल सका। पुल का बीच का पाया अचानक धंस गया जिससे किशनगंज के डीएम ने इस पुल पर आवागमन को रोक दिया है।
2011 में 25 लाख की लागत से हुआ था निर्माण
इस पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2011 में लगभग 25 लाख की लागत से कराया गया था। पुल की लंबाई लगभग 70 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर है। ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल के निर्माण में कमीशनखोरी के चलते घटिया निर्माण किया गया। पुल में डिफेक्ट तो 2017 से ही दिखने लगा था लेकिन इसबार पड़ोसी देश नेपाल की तराई में हुई भारी बारिश के चलते बढ़े हुए पानी के दबाव में पुल का बीच का पाया धंस गया। फिलहाल पुल के दोनों ओर आवागमन को रोक दिया गया है।
डीएम ने पुल पर आवागमन पर लगाई रोक
बताया जाता है कि यह पुल दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया से जयनगर होकर लोहागाड़ा एनएच 327 को जोड़ता है। ग्रामीणों ने जल्द यहां नए पुल के निर्माण की मांग उठाते हुए इस पर तत्परता न दिखाने पर आंदोलन की धमकी दी है। इधर पुल का पाया धंसने की घटना के बाद जिले के ग्रामीण कार्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कोई भी अधिकारी पुल धंसने के मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि अब मामले की लीपापोती करने में सरकारी कर्मी जुट जायेंगे। हमारी समस्या ज्यों की त्यों बनी रहेगी।