जदयू की पूर्व एमएलसी के घर NIA की छापेमारी में जांच एजेंसी को वहां कैश 4.3 करोड़ कैश, 10 हथियार और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले थे। इसपर जब उनसे सवाल किया जाने लगा कि उन्होंने इतनी बड़ी रकम और 10 हथियार घर में क्यों रखे थे। इस बारे में आज शुक्रवार को उन्होंने मीडिया के सामने सफाई दी। मनोरमा देवी ने कहा कि बरामद करोड़ों रुपये मजदूरों के हैं। उन्होंने कहा है कि उनका पेशा ठेकेदारी है। इसलिए रोजाना मजदूरों को दिहाड़ी देनी होती है। ऐसे में कैश रखना मजबूरी है।
JDU की पूर्व MLC का सफाई में ये दावा
मनोरमा देवी के घर NIA ने यह छापा नक्सलियों से संबंध रखने, उन्हें हथियारों की सप्लाई करने और उनकी फंडिंग करने के आरोप में मारा था। ऐसे में मनोरमा देवी के घर से NIA को मिले 10 हथियारों पर अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि छापेमारी में जितने भी हथियार मिलने का दावा किया जा रहा है, उन सभी के कागजात उनके पास हैं। वह उन कागजातों को दिखा भी चुकी हैं। इसके अलावा इलेक्टॉनिक्स सामानों पर भी मनोरमा देवी ने कागजात होने का दावा किया।
बढ़ने वाली हैं मनोरमा देवी की मुश्किलें
लेकिन मनोरमा देवी इस सफाई और इसके लिए उनके द्वारा किये जा रहे दावों पर ही घिरती दिख रही हैं। एनआईए देश की ऐसी एजेंसी है जिसका सीधी जवादेही देश की सुरक्षा से है। एनआईए बिना किसी ठोस जानकारी और आधार के ऐसे छापे नहीं मारा करती। साफ है कि मनोरमा देवी की सफाई से नए प्रश्न पैदा हो गए हैं जो उनके और उनके पति बिंदी यादव के नक्सलियों से संबंधों पर जांच को और आगे ले जाऐंगे। साफ है कि मनोरमा देवी की मुश्किलें अब बढ़ने वाली हैं।
छापेमारी के बाद NIA ने क्या कहा?
इधर जांच एजेंसी एनआईए ने मनोरमा देवी के घर से करोड़ों रुपये नकद और हथियारों की बरामदगी के आधार पर कहा है कि इससे साफ होता है कि मगध जोन में प्रतिबंधित माओवादी संगठन को फिर से खड़ा करने की तैयारी चल रही थी। इसी सिलसिले में एनआईए की टीम कैमूर भी गई जहां नक्सली साहित्य छापने वाले एक प्रिंटिंग प्रेस के दफ्तर की तलाशी ली गई।
मालूम हो कि मनोरमा देवी जदयू की एमएलसी रह चुकी हैं और उनके पति गया जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। बिंदी यादव पर नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने के आरोप लग चुके हैं।