पटना पुलिस ने जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर सहित उनके समर्थकों पर एक और केस दर्ज किया है। यह कुल मिलाकर उनपर दर्ज किया गया तीसरा केस है। उनके खिलाफ पहला केस बगैर परमिशन मार्च निकालने, दूसरा केस बिना इजाजत गांधी मैदान में अनशन पर बैठने और अब तीसरा केस जमानत लेने के दौरान कोर्ट परिसर में हंगामा, पुलिस के साथ धक्का—मुक्की और न्यायालय तथा सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में दर्ज किया गया है। पीरबहोर थाने में प्रशांत किशोर सहित 200 अज्ञात लोगों पर यह केस दर्ज किया गया है। दर्ज केस में पीके और उनके समर्थकों पर आरोप है कि धक्कामुक्की के दौरान पुलिस का एक जवान गिर गया जिससे उसका हाथ टूट गया। इस दौरान कई पुलिस कर्मी भी चोटिल हो गये। बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में दो जनवरी से आमरण अनशन करने वाले प्रशांत किशोर इस वक्त अस्पताल में भर्ती हैं। वह अनशन खत्म करने को तैयार नहीं है।
इसबीच लग्जरी वैनिटी वैन के मामले में भी प्रशांत किशोर घिरते दिख रहे हैं। सरकार ने वैनिटी वैन से संबंधित सारी गलतियों की सूची बना ली है। समझा जाता है कि अब आगे इस मामले में भी पुलिस और परिवहन विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। इसके साथ ही पटना जिला प्रशासन ने पीके की वैनिटी वैन से संबंधित 11 गलतियों की सूची जारी की है। साथ ही यह भी कहा है कि वैनिटी वैन की चेसिस संख्या एवं इंजन संख्या की सत्यता से संबंधित विस्तृत प्रतिवेदन FSL से होने के बाद दिया जाएगा। मतलब साफ है कि राज्य सरकार भी प्रशांत किशोर को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पटना जिला प्रशासन ने परिवहन विभाग से वैन की जांच करवाई तो पता चला कि इसका गाड़ी खरीदने के छह साल बाद इसका निबंधन करवाया गया।
पटना जिला प्रशासन ने वैनिटी वैन से जुड़ी 11 गलतियों और तथ्यों की सूची जारी की है जो इस प्रकार है :—
- वाहन का क्रय 06.06.2011 को किया गया परन्तु वाहन का निबंधन 28.11.2017 को किया गया।
- वाहन का मेकर- SML ISUZU LTD एवं मॉडल SML ISUZU प्रदर्शित हो रहा है, जबकि उक्त वाहन पर डीसी कंपनी का लोगो लगा हुआ है। वाहन का निबंधन फूल्ली बिल्ड कैटेगरी में किया गया है।
- वाहन के व्हील बेस लंबाई 4500 एमएम है, जिससे यह स्पष्ट है की वाहन का निबंधन डीलक्स श्रेणी में 25 सीटिंग क्षमता में होना चाहिए, परन्तु वाहन का निबंधन मोटर कार LMV में एक सीटिंग क्षमता में किया गया है।
- वाहन का पथकर ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं है, ना ही वाहन का मूल्य प्रदर्शित है जिसपे पथकर की गणना की जाती है
- वाहन का डाइमेंसन भी ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं है (जैसे लंबाई, चौड़ाई, इत्यादी)
- वाहन का निबंधन पंजाब का है, जबकि मोटरवाहन अधिनियम के धारा 49(1) के अंतर्गत 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को अपने आवासीय पते वाले संबंधित RTO/DTO को सूचना देना अनिवार्य है। वाहन स्वामी द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया गया है।
- वैनिटी वैन की चेसिस संख्या अ-स्पष्ट है या चेसिस संख्या के साथ छेड़छाड़ किया हुआ प्रतीत होता है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला से इसकी जांच कराना उचित प्रतीत होता है, जिससे चेसिस की सही पहचान हो सके।
- वाहन का निबंधन मोटरकार निजी के रूप में किया गया है जबकि इसका प्रयोग व्यवसायिक वाहन के रूप में करते हुए पकड़ा गया है। इस संबंध में कोई भी प्राधिकार पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है।
- उक्त वाहन में एयर कंडीशन, सोफे, बेड, एलईडी लाइट, वीडियो एलसीडी, बाथरूम का Modification/ Alteration किया गया है। परन्तु इसकी जानकारी ऑनलाइन वाहन पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं है। यह मोटरवाहन अधिनियम के धारा 52 का पूर्णतः उलंघन है।
- वाहन के चालक अवधेश पासवान, पिता- काली पासवान, ग्राम भातोत्तर, पूर्णिया द्वारा चालक अनुज्ञप्ति प्रस्तुत नहीं की गया है।
- वाहन का नंबर प्लेट HSRP नहीं है।