महाविद्यालय परिसर में सहदेव प्रसाद यादव की मनाई गई 15वीं पुण्यतिथि
करपी,अरवल: प्रखंड मुख्यालय स्थित सहदेव प्रसाद यादव महाविद्यालय परिसर में शनिवार को महाविद्यालय के संस्थापक सचिव, पूर्व मंत्री स्वर्गीय सहदेव प्रसाद यादव की 15वीं पुण्यतिथि मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य ललित कुमार ने किया। इस मौके पर उपस्थित लोगों ने महाविद्यालय परिसर में स्थापित उनके आदम कद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इसके उपरांत कार्यालय में उनके तैल चित्र पर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट कार्य किए। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। करपी जैसे सुदूर क्षेत्र में भी उन्होंने महाविद्यालय बनाने का कार्य किया। इस क्षेत्र में महाविद्यालय नहीं था।
महाविद्यालय बनने के बाद यहां के छात्र छात्राओं को काफी सहूलियत हुई। उनके शिक्षा के प्रति लगाव ही था कि उन्होंने अपने जीवन काल में कई सारे विद्यालय, महाविद्यालय का निर्माण किया। उन्होंने अपने जीवन काल में शिक्षा जगत से हमेशा जुड़े रहे। वह शिक्षाविदों का सम्मान करते थे। सामाजिक जीवन में भी उन्होंने मंत्री के पद पर रहते हुए कई जन कल्याणकारी योजना कराने का कार्य किया। सदन में भी गरीबों, पिछड़ों, दलितों, अकलियत की आवाज उठाने का कार्य किया।
इस दुनिया में इंसान आता है और चला जाता है लेकिन उनके द्वारा किए गए अच्छे कर्मों की याद लंबे समय तक लोगों के जेहन में बनी रहती है। उनके बताए रास्ते पर चलने से ही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस मौके पर मनोज कुमार, पवन कुमार, डॉक्टर चंद्रभूषण प्रसाद, रामराज प्रसाद विनोद कुमार, धीरेंद्र प्रसाद, समेत कई अन्य लोगों ने भी उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
मनरेगा योजना के कार्यों में गड़बड़ी के आरोप के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
करपी,अरवल : प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गावो में मनरेगा से कराई जा रही योजना में धांधली बरती जा रही है। विशेष तौर पर आहार एवं पईन की उड़ाही के कार्यों में पूरी तरह अनियमित देखी जा रही है। प्राक्कलन के अनुसार कार्य नहीं किए जा रहे हैं। प्रखंड मनरेगा कार्यालय के निकट ही सहदेव प्रसाद यादव महाविद्यालय के निकट आहार उड़ाही में अनियमित साफ देखी जा सकती है। आहार की उड़ाही में प्राक्कलन के अनुसार मिट्टी की कटाई नहीं की गई है ।मात्र ऊपरी परत से घास छिला गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले की शिकायत मनरेगा के अधिकारियों से की गई है। लेकिन अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।
इसी रास्ते से प्रतिदिन मनरेगा के वरीय पदाधिकारी से लेकर अन्य पदाधिकारी गुजरते हैं। लेकिन इस कार्य की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। पंचायत रोजगार सेवक आफताब आलम ने बताया कि लगभग तीन लाख पचास हजार रुपए की लागत से उड़ाही का कार्य भी करवाया गया है। कार्यक्रम पदाधिकारी सुधांशु शेखर पांडे ने बताया कि इस मामले की शिकायत मिली है। इसकी जांच की जाएगी तथा कार्रवाई भी की जाएगी।
जिला पदाधिकारी ने हीट वेव से बचने के लिए पुनः जारी किया एडवाइजरी
अरवल – जिले में उष्ण लहर (हीट वेव) को देखते हुए जिला पदाधिकारी वर्षा सिंह द्वारा पूर्व में भी एडवाइजरी जारी की गई है एवं वर्तमान में हीट वेव के तीक्ष्ण प्रभावों को देखते हुए उनके द्वारा पुनः एडवाइजरी जारी की जा रही है कि लू के दौरान लोगों के द्वारा क्या-क्या सावधानियों बरतनी चाहिए। इस दौरान विशेष सावधानियाँ बरतकर हीट वेव (उष्ण लहर) के प्रकोप से बचा जा सकता है। हीट वेव के दौरान प्रभाव को कम करने और हीट स्ट्रोक के कारण होने वाली गंभीर बीमारी या मृत्यु को रोकने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं
धूप में विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें। पर्याप्त पानी पीयें ताकि शरीर पूरी तरह से हाईड्रेट रहे। हल्के रंग के ढ़ीले व झरझरा सूती कपडे पहनें। धूप में बाहर निकलते समय सुरक्षात्मक चश्मे, छाता, टोपी, जूते या चप्पल का प्रयोग करें। बाहर का तापमान अधिक होने पर श्रमसाध्य गतिविधियों से बचे।
दोपहर 12बजे से 3 बजे के बीच बाहर काम करने से बचें। यात्रा के दौरान अपने साथ पानी जरूर रखें। शरीर को निर्जलित करने वाले पेय पदार्थों यथा चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय के सेवन करने से बचें। उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचे और बासी भोजन न करें। बच्चों या पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में न छोड़ें, यदि आप बेहोशी या बीमार महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ। ओआरएस, घर के बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करे जो शरीर को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं।
पशुओं को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें। पंखे, नम कपड़ों का प्रयोग करें और जरूरत पड़ने पर ठंडे पानी से स्नान करें। इस दौरान सनस्ट्रोक से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए भी सुझाव दिया गया एवं बताया गया कि वैसे व्यक्ति जो सनस्ट्रोक से प्रभावित है उन्हें ठंडे स्थान पर छाया के नीचे लिटा दें। उसे गीले कपडे से पोछे और शरीर को बार-बार धोयें। सामान्य तापमान का पानी सिर पर डालें।
सबसे जरूरी बात शरीर के तापमान को कम करना है। व्यक्ति को ओआरएस पीने के लिए दें या नीबू का शरबत, तोरानी या जो भी शरीर को रिहाइड्रेट करने के लिए उपयोगी हो वो उस व्यक्ति को दें। व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएँ। रोगी को तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि हीट स्ट्रॉक घातक हो सकता है एवं इससे जान भी जा सकती है। पेयजल से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए वॉटर कॉन्ट्रोल रूम दूरभाष संख्या 06337229306 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट