नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड के लेंगुरा गांव में सोमवार की सुबह आम के पेड़ के नीचे खेल रहे तीन वर्षीय मासूम की मौत सर्पदंश से हो गयी। मौत के बाद परिवार वालों में कोहराम मच गया।
तीन साल का था अयांश
अस्पताल में ड्यूटी में रहे चिकित्सक डा. श्याम नंदन प्रसाद ने बताया कि सांप काटने से घायल हुए बच्चे की पहचान लेंगुरा गांव निवासी दिलीप यादव के तीन वर्षीय बेटे अयांश के रूप में हुई है। अस्पताल पहुंचने के पूर्व ही बच्चे की स्थिति नाजुक थी। बच्चे की स्थिति को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सांप का जहर उसके शरीर में पूरी तरह फैल गया था। इस कारण बच्चा बेहोशी अवस्था में चला गया था।
डेढ़ घंटे चला इलाज
अस्पताल में लगभग डेढ़ घंटे चले इलाज के क्रम में एंटी वेनम की लगभग सात डोज दिए गए, किंतु बच्चा रिकवर नहीं हो सका। अंततः हृदय गति रुकने के बाद चिकित्सक ने बच्चे की मौत की पुष्टि की।
अस्पताल परिसर में मौजूद स्वजनों ने बताया कि बच्चा बहुत छोटा था और उसने सांप काटने की बात स्वजन को समय से नहीं बता पाया। जब जहर का फैलाव शरीर में फैल गया तब बच्चा बेहोश हो गया। मासूम की मौत अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा था।
ऐसे करें सर्पदंश की पहचान
बच्चों को सांप ने काट लिया है,इसकी पहचान किए जाने पर बच्चे की जान बचाया जा सकता है। काटने के स्थान पर या उसके निकट त्वचा पर नुकीले दांतों के निशान, सूजन जो कुछ ही घंटों में फैल सकती है ,तीव्र दर्द, जलन और गर्मी, लालिमा और चोट एवं सूजी हुई ग्रंथियां (बढ़े हुए लिम्फ नोड्स) जैसे संकेत देखे जा सकते हैं।
वहीं शरीर को प्रभावित करने वाले लक्षणों में मतली या उलटी, बहुत पसीना आना, बुखार या ठंड लगना, कमज़ोरी, चक्कर आना या बेहोशी, निगलने में परेशानी, लार का अधिक स्राव या लार का बहना,सुन्नपन और झुनझुनी, विशेष रूप से मुंह में, सांस लेने में तकलीफ़ एवं भ्रम और चिंता महसूस होना शामिल है। चिकित्सक के पास समय से ले जाकर इलाज कराना चाहिए।
भईया जी की रिपोर्ट