अरवल -जिला पदाधिकारी ने मानसून के दौरान होने वाली अकस्मात दुर्घटनाओं को लेकर एडवाइजरी जारी किया है जारी एडवाइजरी में बताया गया है की जिले में मानसून का आगमन होने से प्रायः वज्रपात की घटनाएँ, सर्पदंश एवं पानी में डूबने की घटनाएँ देखने को मिलती है। अतः इसके न्यूनीकरण हेतु जिला पदाधिकारी द्वारा जिलेवासियों हेतु एडवाईजरी जारी किया गया है। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वज्रपात की स्थिति उत्पन्न होने पर कभी भी खुले आसमान में न रहे, पेड़ के नीचे कदापि न जाए एवं जितना जल्दी हो सके सुरक्षित मकान में शरण लें। यदि आप खुले में है तो जमीन पर कदापि न लेटे तथा कान बंद करके चुकमूक (फूहड़) अवस्था में बैठें।
वज्रपात होने पर लोहे के डंडी वाले छाते का प्रयोग न करें। पानी भरे खेतों, तालाब, नदी, नहर या किसी भी निकाय में जानवरों को धोने, मछली पकड़ने या खेती करने न जाए। समूह में नहीं रहे अर्थात लोगों से दूरी बना लें और सभी को दूरी बनाने के लिए कहें। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अगर आप नदी के तटीय क्षेत्रों में निवास कर रहे है तथा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो चुकी हो तो कभी भी नदी में प्रवेश न करें।
नाव के प्रयोग से बचें यदि महत्वपूर्ण हो तो पंजीकृत नाव का ही प्रयोग करें। नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने पर जानवरों को नदी क्षेत्र में नहलाने, घूमाने या चराने के लिए न ले जाए। नदी में जल क्रीड़ा न करें एवं किसी भी स्थिति में नहाने हेतु न जाए। बरसात के दौरान खाना ढ़ककर रखें तथा उबला हुआ पानी ही पीयें। चेतावनी व सुझाव के लिए स्थानीय मीडिया तथा पदाधिकारियों के संपर्क में रहे। बरसात के मौसम में जमीन पर न सोये साथ ही मछरदानी का प्रयोग अवश्य करें ताकि सर्पदंश से बचा जा सके।
अगर सर्पदंश की घटना हो जाती है तो व्यक्ति को सांप से दूर ले जाए एवं यह सुनिश्चित करें कि वे आराम करें तथा शांत रहे। साथ ही त्वरित रूप से व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में लेकर जाए। झाड़-फूंक के चक्कर में न रहे। कभी भी रक्त प्रवाह को रोकने के लिए पट्टा न लगायें। घाव को न काटे तथा विष को चूसने की कोशिश कदापि न करें। अगर व्यक्ति बेहोश हो जाए एवं सांस न ले पाए तो उसे चित लेटा दें तथा किसी प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा सीपीआर दिलाए।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट