-हजारों वृक्षों की हो रही कटाई पर वन विभाग मौन क्यों?
नवादा : जिले में भ्रष्टाचार सर चढ़कर बोल रहा है। ऐसा इसलिए कि प्रमाण के साथ खबरें प्रकाशित होने के बावजूद कार्रवाई तो दूर जांच तक की जहमत नहीं उडायी जाती फिर हर कोई भ्रष्टाचार में जुट गया है। मनरेगा तो बदनाम था, रहा है और आगे भी रहेगा। इसमें कोई शक नहीं। फिर लोगों ने इसकी शिकायत तक करनी बंद कर दी है। डीएम के जनता दरबार में अकबरपुर प्रखंड बकसंडा पंचायत की उपमुखिया समेत वार्ड सदस्यों द्वारा जलछाजन से संबंधित की गयी शिकायत धूल फांक रही है।
ऐसे में लोगों का मानना है कि जब जनप्रतिनिधियों की शिकायत सुनने वाला कोई नहीं तब फिर जिले का भगवान ही मालिक है। वैसे मैं भी बगैर प्रमाण कुछ नहीं कहता। वर्षों से आदत है सच लिखने का। चूंकि मैं कोई नया पत्रकार तो हूं नहीं कि कोई साम,दाम,दंड, भेद से झुका दे। बहुत झंझावात को झेला है आगे भी झेलना पड़ा तो तैयार हूं। हमारे ही समुदाय के एक पत्रकार हैं जो कहते हैं चचा खा गये गच्चा। शायद उन्हें पता नहीं है कि जितनी उनकी उम्र है उससे अधिक दिनों से मैं पत्रकारिता कर रहा हूं।
खैर! कौन क्या कहता है इससे हमें कुछ लेना देना नहीं है। अब आता हूं असली मुद्दे पर। रजौली के जंगली क्षेत्रों में हजारों वृक्षों की कटाई लगातार हो रही है। इसके पूर्व भी फोटोयुक्त खबरें प्रकाशित होने के बावजूद वन विभाग मौन साधे हुए है। कारण स्पष्ट है मिलीभगत।
अब प्रशासन को पुख्ता प्रमाण चाहिए तो मैं दे रहा हूं। डीएम साहब में हिम्मत है तो खुद जाकर देख लें। हजारों कटे वृक्ष अब भी जंगल में बिक्री के इंतजार में पड़ा है। वृक्ष तो कट ही रहा है जंगल की भूमि पर धड़ल्ले से अवैध कब्जा हो रहा है। ऐसे में हरियाली वनों से गायब हो रही है। इस खबर के बाद हर किसी को जांच व कार्रवाई का इंतजार रहेगा। आगे आगे देखिए होता है क्या?
भईया जी की रिपोर्ट