जेपी आंदोलन के पचास वर्ष पूरे हो गए हैं। 2024 का साल जेपी आंदोलन की स्वर्ण जयंती वर्ष भी है। इस आंदोलन के कारण ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 की आधी रात को पूरे देश में आपात काल काल लगा दिया था। कल यानी 25 जून को आपात काल की काली याद को ताजा करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री व जेपी आंदोलन के कद्दावर छात्र नेता अश्विनी कुमार चौबे के संरक्षण में दिल्ली के कंशट्यूशन क्लब में आपातकाल विभीषिका दिवस समारोह का आयोजन किया गया है।
आपात काल विभिषिका दिवस का आयोजन
बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य में जेपी आंदोलन के प्रमुख छात्र नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री चौबे के प्रयास से हो रहे इस आयोजन के राजनीतिक मायन लगाये जा रहे हैं। लोकसभा सत्र के प्रथम आज दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि वे और उनकी एनडीए सरकार देश में 25 जून 1975 जैसी घटना की पुनरावृति नहीं होने देंगे।
पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे के संरक्षण में समारोह
बीते लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर संविघान और लोकतंत्र समाप्त करने का आरोप लगाया था। जबकि आपात काल के दौरान उन्हीं के तब की केंद्र में रही कांग्रेस सरकार द्वारा संविधान की आत्मा बदल देने की बात अब तक होती रही है।
पूर्व उपराष्ट्रपति नायडू व कंगना रनौत रहेंगे मौजूद
इस आयोजन को लेकर दिल्ली में जिस प्रकार के पोस्टर व फोटो प्रदर्शनी लगाए जा रहे हैं उससे इंडी गठबंधन में शामिल कुछ पार्टियों व नेताओं के लिए असहज स्थिति पैदा हो सकती है। इस आयोजन के माध्यम से आपात काल के 50वें वर्ष में पूरे देश में अभियान चलाये जाने की पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है। समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू व विशिष्ट अतिथि कंगना रनौत रहेंगे।