लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है। तीसरी बार केंद्र में एनडीए की सरकार बन चुकी है। वहीं लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनावों के लिए तैयरी शुरू कर दी है। बिहार,दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा होना है। महाराष्ट्र और हरियाणा में साल के अंत में तो वहीं बिहार और दिल्ली में 2025 की शुरूआत में विधानसभा चुनान होना है। वहीं अगर लोकसभा चुनाव के रिजल्ट को देखे तो इन राज्यों में आसानी से बाजी मारना भाजपा के लिए थोड़ा मुश्किल दिख रहा है।
4 राज्यों में विधानसभा चुनाव
दरअसल, 2024 के चुनाव में महाराष्ट्र और हरियाणा ने बीजेपी को निराश मिली, वहीं दिल्ली और बिहार में जनता ने भरोसा जताया है। दिल्ली में तो पार्टी अकेले मैदान में उतरी और सातों सीटों पर क्लीन स्वीप किया। वहीं, बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार के जनता दल (यूनाइटेड) के साथ मैदान में उतरी। जदयू और बीजेपी की गठबंधन अगर विधानसभा चुनाव तक रहती है तो बिहार में बीजेपी को राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ प्रशांत किशोर का भी सामना करना होगा।
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पीके ने किया अपनी पार्टी को विधानसभा चुनाव मैदान में उतारने का दावा
बता दें कि, प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि 2 अक्टूबर को जनसुराज अभियान को राजनीतिक दल में परिवर्तित कर दिया जाएगा और उसका नाम होगा- जनसुराज पार्टी। इतना ही नहीं उन्होंने जीत का भी दावा किया है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी पार्टी 2025 में चुनाव जीतेगी। मालूम हो कि प्रशांत किशोर डेढ़ साल से पूरे प्रदेश में जन सुराज पदयात्रा कर रहे हैं और लोगों के बीच जाकर उनसे बात कर रहे हैं। इस दौरान, वह जनसभाओं में जो बातें करते नजर आए, उनमें वह बीजेपी को टारगेट करते दिखे। सभाओं में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बाहरी बताते नजर आए।
पीके ने किया 2025 में बिहार में सरकार बनाने का दावा
वहीं जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे प्रशांत किशोर एक्टिव होते दिख रहे हैं। पीके पीएम मोदी पर शुरू से हमला बोलते आएं हैं। पीएम मोदी के तीसरी बार पीएम बनने के बाद पीके ने पीएम के 10 सालों के कार्यकाल को लेकर कहा कि, 10 साल के राज में बिहार का कोई विकास नहीं हुआ, बुलेट ट्रेन गुजरात में बन रही हैं, फैक्ट्री और रोजगार महाराष्ट्र, गुजरात में आ रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी सिर्फ वोट मांगने के लिए बिहार आते हैं, वरना गुजरात और दूसरे राज्यों के ही दौरे करते हैं। वहीं अब पीके 2025 में विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को उतारने के लिए तैयार हैं।
महागठबंधन को मिला पीके से फायदा
पीके ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में रणनीतिकार के रुप में कांग्रेस,जदयू और राजद के गठबंधन के लिए काम किया था, इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी- अमित शाह पर जमकर निशाना साधा था, जिसका असर यह हुआ कि 2015 में बीजेपी को बिहार में नुकसान उठाना पड़ा। राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 53 जीतीं और एनडीए के खाते में 58 सीटें गईं।
वहीं, महागठबंधन ने 178 सीटें जीतकर सरकार बनाई। गौरतलब हो कि प्रशांत किशोर जानते हैं कि जाति के नाम पर पड़ने वाले आरजेडी के वोट को काटना आसान नहीं और न ही नीतीश कुमार के वोट को इसलिए वह बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं अब पीके के दावे की 2025 में उनकी सरकार बनेगी कितने हद तक सच होती है ये तो वक्त ही बताएगा।
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