लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और देश में नई मोदी सरकार का गठन भी हो चुका है। लेकिन सारी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कुछ जाने तो कुछ अनजाने शब्द और जुमले काफी चर्चा में रहे। इनमें कुछ तो समझ में आये लेकिन कुछ नहीं। ऐसे ही चुनावी शब्दों में से एक शब्द ‘बेलवेदर सीट’ भी रहा। आइए जानते हैं कि क्या है इस चुनावी शब्द का मतलब और क्यों यह है इतना अहम। इसबार के चुनाव में इस शब्द से मतलब रखने वाली सीट पर क्या रहा नतीजा।
क्या है बेलवेदर सीट
दरअसल बेलवेदर सीट उस लोकसभा सीट को कहते हैं, जिसपर जिस भी पार्टी की जीत होती है उसी पार्टी की सरकार केंद्र में बनती है। देश में ऐसी बेलवेदर सीटों की कुल संख्या 7 है। इसबार भी यह रिकार्ड कायम रहा क्योकि इन सभी बेलवेदर सीटों पर भाजपा नीत एनडीए का कैंडिडेट विजयी हुआ और केंद्र में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व में नई एनडीए सरकार ने कारबार संभाल लिया है।
जम्मू लोकसभा सीट
देश की 7 बेलवेदर सीटों में सबसे पहला नाम जम्मू लोकसभा सीट का आता है। जम्मू लोकसभा सीट से 2024 के चुनाव में भाजपा के जुगल किशोर विजयी हुए हैं। बेलवेदर शगुन के हिसाब से इस बार केंद्र में भी भाजपा सत्ता में आ गई है। इस सीट के पिछले कुछ चुनावों के रिकॉर्ड को देखें तो यहां 1998, 1999, 2014 और 2019 में भाजपा की जीत हुई थी। इस दौरान केंद्र में भी भाजपा की सरकार बनी। इसके अलावा 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा था। दोनों ही बार केंद्र में कांग्रेस ने सत्ता संभाली थी।
उधमपुर लोकसभा सीट
लोकसभा की देश में दूसरी बेलवेदर सीट के तौर पर उधमपुर संसदीय सीट का नाम लिया जाता है। हाल में संपन्न 2024 के चुनाव में यहां से भाजपा के डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाजी मारी और केंद्र में नई बनी मोदी सरकार में वे मंत्री भी बने। इस सीट के बेलवेदर चरित्र की बात करें तो यहां 1984, 1989, 2004 और 2009 में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी और उन सभी वर्षों में केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकार बनी थी। जबकि 1996, 1998, 1999, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा ने अपना वर्चस्व कायम किया था और केंद्र में भी तब—तब भाजपा ही सत्ता में आई थी।
रांची लोकसभा सीट
झारखंड की रांची सीट की गिनती भी बेलवेदर सीटों में होती है। हाल में संपन्न 2024 के चुनाव में इस सीट से भाजपा के संजय सेठ विजयी झंडा गाड़ा। रांची का बेलवेदर नतीजा देखिए कि केंद्र में भी भाजपा नीत एनडीए की सरकार बन गई है। इस सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यहां 1996, 1998, 1999, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को जीत मिली थी। इस दौरान केंद्र में भी भाजपा की सरकारें बनी। जबकि 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में रांची से कांग्रेस की जीत हुई थी और केंद्र की सत्ता भी कांग्रेस के पास गई थी।
अलवर लोकसभा सीट
देश की अगली बेलवेदर सीट है राजस्थान अलवर लोकसभा सीट। 2024 के चुनाव में अलवर सीट से भाजपा के भूपेंद्र यादव चुनाव जीते हैं। इस सीट का भी बेलवेदर चरित्र देखिए कि केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार बनी है। अलवर सीट के बेलवेदर आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां 1999, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा विजयी हुई थी। इस दौरान केंद्र की सत्ता भी भाजपा के हाथों में गई थी। इसके अलावा साल 2004 और 2009 के दौरान यह लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी, साथ ही केंद्र में भी कांग्रेस ने सरकार बनाई थी।
फरीदाबाद लोकसभा सीट
हरियाणा की फरीदाबाद सीट को भी बेलवेदर श्रेणी में रखा जाता है। इस बार 2024 के चुनाव में यहां से बीजेपी के कृष्णपाल ने विजयी पताका फहराया। परिणामस्वरूप केंद्र में भी उनकी पार्टी के गठबंधन ने सत्ता हासिल कर ली। अगर फरीदाबाद लोकसभा सीट के बेलवेदर नेचर पर नजर डालें तो यहां 1980, 1984, 1989, 1991, 2004 और 2009 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी और केंद्र में भी कांग्रेस की ही सरकारें बनी थी। जबकि 1996, 1998, 1999, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर बाजी मारी और केंद्र में भी भाजपा ने सत्ता संभाली थी।
करनाल लोकसभा सीट
हरियाणा की ही एक और सीट है जिसे बेलवेदर का दर्जा प्राप्त है। यह है करनाल लोकसभा सीट जिसपर 2024 के हाल के चुनाव में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बतौर भाजपा प्रत्याशी जीत दर्ज की है। श्री मनोहर लाल खट्टर केंद्र की नई मोदी सरकार में मंत्री भी बनाये गए हैं। यदि हम करनाल लोकसभा सीट की चुनावी चाल को देखें तो यहां वर्ष 1999, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली और इन सभी वर्षों में केंद्र में भी भाजपा की ही सरकारें भी बनी। जबकि 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई थी और केंद्र की सत्ता भी कांग्रेस के पास गई थी।
अंबाला लोकसभा सीट
देश की आखिरी और 7वीं बेलवेदर सीट अंबाला भी हरियाणा से ही आती है, लेकिन इसबार के चुनाव में इसके बेलवेदर रवैये में कुछ उलट—पुलट हो गया है। इसबार 2024 के चुनाव में अंबाला लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी वरुण चौधरी ने भाजपा कैंडिडेट को परास्त कर दिया है। लेकिन केंद्र में तो भाजपा नीत एनडीए की सरकार बन गई। इस तरह इस सीट का बेलवेदर रवैया कुछ गड़बड़ा गया। खैर अगर इस सीट के पूर्व के इतिहास पर नजर डालें तो 1999, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा की जीत हुई थी। इस दौरान केंद्र की सत्ता भी भाजपा के पास गई थी। जबकि साल 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी और उन वर्षों में केंद्र में भी कांग्रेस की सरकारें बनी थी।