**राहुल गांधी के अमेठी से पलायन का असर बिहार में भी, राजद-कांग्रेस का मनोबल टूटा*
*पस्त हौसले और डरे हुए मन से इंडी गठबंधन बिहार और देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकता*
**वायनाड के साथ ही रायबरेली से भी होगी राहुल की जबरदस्त हार*
**बिहार में भी नहीं जलने वाला है लालटेन, बिहार के लोग ‘लालटेन युग’ से आ चुके हैं बाहर*
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पटना, 3 मई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आज झंझारपुर में कहा कि कांग्रेस की पूंछ पकड़ कर सत्ता में पहुंचने का राजद का सपना राहुल गांधी के अमेठी से पलायन के साथ ही चकनाचूर हो गया है। राहुल गांधी के अमेठी से पलायन और रायबरेली से चुनाव लड़ने का असर बिहार में भी पड़ेगा। पस्त हौसले और डरे हुए मन से इंडी गठबंधन बिहार और देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकता है। यूपी और बिहार की सभी 120 सीटों पर जीत दर्ज कर केन्द्र में एनडीए की सरकार और तीसरी बार नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय है।
झंझारपुर में एनडीए समर्थित जदयू उम्मीदवार श्री रामप्रीत मंडल जी के समर्थन में आयोजित भव्य जनसभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि झंझारपुर की जनता आदरणीय पीएम मोदी जी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत की सरकार देश में बनाएगी।
श्री चौधरी ने कहा कि लालू परिवार कांग्रेस के सहारे केन्द्र की सत्ता में पहुंचने का सपना अपने भ्रष्टाचार को कवर करने और कानूनी शिकंजे से बचने के लिए देख रहा था। मगर अब यह सुनिश्चित हो गया है कि कांग्रेस के शहजादे राहुल गांधी न केवल केरल की वायनाड सीट से हारेंगे बल्कि उत्तर प्रदेश की रायबरेली में भी उनकी करारी हार होगी। एनडीए उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों के साथ बिहार की भी 40 सीटें जीतेगी। राजद का लालटेन इस बार बिहार में जलने वाला नहीं है। बिहार के लोग ‘लालटेन युग’ से कब का बाहर आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन का हौसला चुनाव से पहले ही पस्त हो चुका है। हार के डर से ही वायनाड के बाद राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली से नामांकन किया है। गांधी खानदान की फितरत है कि एक बार वह जहां से हारती है, फिर दुबारा वहां जाने की उसकी हिम्मत नहीं होती है। 2019 के चुनाव में अमेठी की जनता ने राहुल गांधी को नकार कर यह जता दिया था कि 70 वर्षों तक भावनात्मक रूप से जनभावना का शोषण करने वाले गांधी परिवार के लिए अमेठी में अब कोई जगह नहीं है। इस बार के चुनाव के बाद राहुल गांधी को वायनाड और रायबरेली दोनों से पलायन करना पड़ेगा।