बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आज मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने राजनीति छोड़ने की नई शर्त्त सामने रख दी। उन्होंने कहा कि अगर अपने चुनावी घोषणाओं के अनुरुप नीतीश कुमार अगले 6 माह में डेढ़ करोड़ परिवार के खाते में दो लाख रुपये दे देंगे तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, क्योंकि इतने परिवार को यह रकम मिलती है तो फिर निश्चित है की बिहार का विकास होगा। पीके का इशारा महिला रोजगार योजना की तरफ था।
बिहार चुनाव में मिली हार पर जनसुराज नेता ने कहा कि—’साढ़े तीन साल पहले व्यवस्था परिवर्तन के लिए हम आए थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। न तो सत्ता परिवर्तन कर सका और न ही व्यवस्था, लेकिन बिहार की राजनीति को जरूर प्रभावित किया है।’ उन्होंने आगे कहा कि मैं जिम्मेदारी लेता हूं कि मैं लोगों का विश्वास नहीं जीत पाया, यह हमारी सामूहिक हार है। जनता ने अपने लिए रास्ता चुना है। अब नीतीश जी और भाजपा की जिम्मेदारी बनती है की वो सुधार करें। बिहार से पलायन बंद हो। अगर ऐसा होता है तो हमें राजनीति करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जिन नेताओं पर हमने आरोप लगाया है, उनके खिलाफ लगाए आरोपों से पीछे नहीं हटेंगे। इनमें से अभी तक कई जनता की अदालत से जीत कर आए हैं। लेकिन उनको मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तो कोर्ट तक जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम इस बात पर कायम है कि अगर मुझे 25 सीट मिल जाता तो राजनीति छोड़ देता। लेकिन मैंने यह नहीं कहा था की 10 हजार का घूस देकर वोट खरीद लिया जाए। प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि अब भाजपा और नीतीश कुमार ऐसा मंत्रिमंडल बनाएं, जिसमे भ्रष्टाचार करने वाले को शामिल नहीं किया जाए। जनता ने सत्ता में बैठकर लूटने का जनादेश नहीं दिया है।