बिहार चुनाव के प्रथम चरण के मतदान में अब बस एक सप्ताह रह गया है। इसलिए चुनावी प्रचार ने भी अब तेज रफ्तार पकड़ ली है। इसी के तहत आज पीएम मोदी मुजफ्फरपुर और छपरा में रैलियां करने बिहार पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने आज मुजफ्फरपुर के मोतीपुर चीनी मिल मैदान में आयोजित जनसभा में कहा कि छठ पर्व दुनिय भर में बिहार की पहचान बन गया है। यह बिहार ही नहीं देश का भी गौरव है। हम छठ महापर्व को मानवता का पर्व मानते हैं और इसे UNESCO की विश्व विरासत सूची में शामिल कराने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। यह हर बिहारी और हर भारतीय के लिए गर्व की बात होगी। लेकिन कुछ लोग हैं, जो चुनावी फायदे के लिए हमारी आस्था का भी मजाक उड़ाते हैं। ऐसे लोगों को जनता चुनाव में सबक सिखाएगी।
प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर की लीची की मिठास की तुलना यहां के लोगों की बोली से करते हुए कहा कि मैं हमेशा आपका कर्जदार रहूंगा। तेज बारिश के बावजूद जनसभा में उमड़े विशाल हुजूम के लिए उन्होंने लोगों का आभार व्यक्त किया। इसके बाद उन्होंने वोट के लिए बिहार की आस्था पर चोट करने का आरोप महागठबंधन पर लगाते हुए कहा कि अब यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि राजद और कांगेस वाले कभी भी बिहार को विकसित नहीं बना सकते हैं। इन पार्टियों ने वर्षों तक बिहार पर एकछत्र राज किया लेकिन उस दौरान इन्होंने जनता के साथ सिर्फ विश्वासघात किया। राजद कांग्रेस की पहचान सिर्फ सिर्फ इन 5 ‘क’ से है—कट्टा, क्रूरता, कटुता, करप्शन और कुशासन।
युवाओं और बुजुर्गों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा एक और नए अभियान की शुरुआत करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि नई पीढ़ी को छठ महापर्व के गीतों की महान परंपरा से जोड़ने और उसे राष्ट्रव्यापी ताकत देने के लिए उनकी सरकार पूरे देश में विभिन्न कलाकारों के बीच एक प्रतियोगिता का आयोजन करने वाली है। नई पीढ़ी को गीतों के माध्यम से छठ के संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए इस स्पर्धा का आयोजन अगले साल छठ पूजा से पहले किया जाएगा, और जनता ही ऑनलाइन माध्यम से यह चुनेगी कि उन्हें कौन से गीत सबसे ज्यादा अच्छे लगते हैं। जो गीत टॉप पर रहेंगे, उन्हें लिखने वाले और गाने वाले कलाकारों को अगले साल छठ पूजा से पहले सम्मानित और पुरस्कृत किया जाएगा।