बिहार चुनाव के लिए वोट पड़ने से पहले ही आज बुधवार को महागठबंधन का दूसरा विकेट गिर गया। अभी केवल नामांकन का काम हुआ है और विपक्षी महागठबंधन को दो सीटों का नुकसान हो गया है। पहले सुगौली से वीआईपी प्रत्याशी का नॉमिनेशन कैंसल हुआ था, और अब मोहनियां से आरजेडी कैंडिडेट श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। बताया जाता है कि मोहनिया से राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन गलत दस्तावेजों के कारण रद्द कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक उनपर गलत जाति प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षण का लाभ लेने का आरोप भाजपा की तरफ से लगाया गया है।
नामांकन रद के बाद फूट-फूटकर रोईं कैंडिडेट
श्वेता सुमन पर भाजपा की तरफ से गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षण का लाभ लेने का आरोप लगाया गया था। नामांकन रद्द होने के बाद राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार श्वेता सुमन मोहनिया के निर्वाचन पदाधिकारी के चेंबर से रोती हुई निकली। बाहर श्वेता सुमन ने रोते हुए लगातार सरकार के इशारे पर उनका नामांकन रद्द करने का आरोप लगाया। भारतीय जनता पार्टी ने इसकी शिकायत की थी कि वह उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर मोहनिया आरक्षित सीट से चुनाव में आरक्षण का लाभ ले रही हैं। इस आधार पर श्वेता सुमन का नामांकन रद्द करने के लिए आवेदन दिया गया था।
खबर है कि भाजपा की इस आपत्ति पर आज बुधवार को सुनवाई हुई जिसमें श्वेता सुमन को अपना पक्ष रखने के लिए मोहनिया के निर्वाचन पदाधिकारी ने बुलाया था। मोहनिया के निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखने के बाद जब उनके कमरे से राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन बाहर निकली तो उन्होंने कहा कि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है। उन्होंने नामांकन खारिज होने को लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि यह सब जान बूझकर गलत तरीके से किया गया है। उन्होंने यह भी कहा, जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार गीता पासी का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है जबकि दोनों लोगों पर एक ही तरह का आरोप था। विदित हो कि श्वेता सुमन और जनसुराज प्रत्याशी गीता पासी, दोनों का ही मायका यूपी में है।