राज्यसभा के पूर्व सांसद और बड़े व्यवसायी साबिर अली ने आज शनिवार को फिर से लोजपा छोड़ जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली। आज पूर्णिया में मंत्री लेसी सिंह के आवास पर साबिर अली ने जदयू की सदस्यता ली। खबर है कि जदयू में शामिल होने के बाद पूर्व सांसद साबिर अली पूर्णिया जिले की अमौर सीट से जदयू टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। साबिर अली ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें जो भी जिम्मेदारी देंगे उसका सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे। उधर विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच आज कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद माधव ने टिकट वितरण में मनमानी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखने के बाद पार्टी प्रवक्ता समेत कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया।
अमौर सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें
जानकारी के अनुसार आज पूर्णिया में नीतीश सरकार में मंत्री लेसी सिंह ने साबिर अली को पार्टी की सदस्यता दिलाकर और जदयू का पट्टा पहनाकर उनका स्वागत किया। इस मौके पर मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि साबिर अली पहले भी जदयू में थे। आज फिर से उनकी घर वापसी हुई है। कयास लगाया जा रहा है कि साबिर अली अमौर से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और 20 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। हालांकि जदयू ने पहले ही सबा जफर को अमौर का टिकट दे दिया है और आज वह नामांकन भी करने जा रहे हैं। लेकिन सीमांचल की राजनीति में साबिर अली को लेकर इसी तरह की चर्चा गर्म है कि वह अमौर से जेडीयू उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा कि साबिर अली को पार्टी राज्यसभा भी भेज सकती है। वे फिलहाल पार्टी के लिए इस चुनाव में काम करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने दिया इस्तीफा
उधर आज कांग्रेस के रिसर्च कमेटी के चेयरमैन और प्रवक्ता आनंद माधव ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राहुल गांधी को एक लेटर भी भेजा है जिसमें उन्होंने लिखा कि-‘आलाकमान 33000 से हारे व्यक्ति को टिकट दे सकते हैं और 113 वोट से हारे हुए व्यक्ति को टिकट नहीं दे सकते हैं। आप एकमात्र यादव विधायक जो कांग्रेस से थे, उनको टिकट नहीं दे रहे हैं। उनकी जगह खड़े हुए व्यक्ति को टिकट दे रहे हैं। यह एक व्यक्ति की बात नहीं है या केवल छत्रपति यादव की बात नहीं है, बल्कि पूरे यादव समाज की बात है। वे कांग्रेस के इकलौते यादव विधायक हैं। लेकिन उनको टिकट से वंचित कर दिया गया। इसका आधार क्या है? आप बात करते हैं कि आपके पास पैरामीटर है। लेकिन आपके पास जो पैरामीटर है उसमें कोई पारदर्शिता नहीं है। गजानन साहब जो मात्र 113 वोट से चुनाव हारे हैं उनको अपने टिकट नहीं दिया। क्या इसकी आपने समीक्षा की?